आवाज़ ए हिमाचल
31 मार्च। होली के बाद कामकाजियों के लौटने से ट्रेनों में भीड़ बढ़ना शुरू हो गई है। मंगलवार से ही लोग परदेश वापस जा रहे हैं। हालात यह हैं कि अगले एक माह तक किसी भी ट्रेन में सीट खाली नहीं है। लंबी दूरी की ट्रेनों में भारी वेटिंग लिस्ट होने की वजह से आरक्षण खिड़कियों पर टिकट के लिए मारामारी मची है। इसी का फायदा उठाते हुए दलाल अधिक पैसे लेकर उन्हें तत्काल टिकट उपलब्ध करा रहे हैं। आजमगढ़ में भी टिकट दलाल सक्रिय हैं।कोरोना काल में कई ट्रेनों को बंद कर दिया गया था। लॉकडाउन खुलने के बाद धीरे-धीरे ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया। रेलवे ने ट्रेनों को स्पेशल ट्रेन के रूप में चलाया। साथ ही बिना कंफर्म टिकट के यात्रा न करने की रोक लगा दी गई है।
गोदान एक्सप्रेस, उत्सर्ग एक्सप्रेस, ताप्ती गंगा एक्सप्रेस व कैफियात एक्सप्रेस समेत सभी ट्रेनों में लंबी वेटिंग लिस्ट से यात्री परेशान हैं। तत्काल टिकट ही लोगों के लिए सहारा बना है। ऐसे में यात्री तत्काल टिकट के लिए सुबह से ही लाइन में लगे रहते हैं। घंटों लाइन में लगने के बाद भी लोगों को मायूस होकर लौटना पड़ता है। इसके बाद दूसरे दिन वह फिर टिकट के लिए लाइन में खड़े होते हैं। कई दिनों तक उन्हें तत्काल टिकट नहीं मिल रहा है तो वे टिकट दलाल की शरण में जाने को मजबूर हैं। जहां टिकट दलाल मौके का फायदा उठाते हुए उनसे अधिक पैसे वसूल रहे हैं।
इंटरनेट की दुनिया में आइआरसीटीसी के समानांतर चल रहे फर्जी साफ्टवेयर रेलवे की वेबसाइट से भी तेज चलते हैं। सुबह दस बजे जैसे ही रेलवे काउंटरों पर टिकटों की बुकिंग शुरू होती है, वे अपना काम करना शुरू कर देते हैं। रेलवे काउंटर पर बैठा क्लर्क जब तक यात्री का नाम और पता भरकर पूछताछ करता है। तब तक नेट पर 80 से 90 फीसद कंफर्म टिकट बुक हो जाते हैं।