आवाज ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा,बिलासपुर
03 फरवरी।हेपेटाइटिस रोग एक वायरल रोग है जो लीवर को प्रभावित करता है। वायरल हेपेटाइटिस मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है एक तो संक्रामक हेपेटाइटिस और दूसरा रक्तरंजित हेपेटाइटिस होता है। संक्रामक हेपेटाइटिस भोजन और पानी से फैलता है और रक्तरंजित हेपेटाइटिस शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क में आने पर फैलता है।
यह जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रवीण कुमार ने बताया कि संक्रामक हेपेटाइटिस में ए और ई आते हैं और रक्तरंजित हेपेटाइटिस में बी और सी आता है। वायरल हेपेटाइटिस से बचने के लिए सभी को जानकारी रखना आवश्यक है। हेपेटाइटिस विश्व भर के विकासशील देशों की सबसे बड़ी समस्या है।
विश्व में प्रतिवर्ष 1.3 मिलियन लोगों की मृत्यु हेपेटाइटिस के कारण हो जाती है। पीले रंग की त्वचा होना, आंखें पीली होना, उल्टियां आना, पेट में दर्द और बुखार हेपेटाइटिस के लक्षण हो सकते है। हेपेटाइटिस बी में व्यक्ति की आंखें पीली, पेट में दर्द और पेशाब का रंग गहरा दिखाई देता है। उसी तरह हेपेटाइटिस सी में व्यक्ति में थकान, उल्टी होना, भूख न लगना और आंखों और त्वचा का पीला होना लक्षण हैं।
अगर किसी व्यक्ति में इस प्रकार के लक्षण दिखाई दे तो वह अपनी जांच अवश्य डॉक्टर से करवाएं। हेपेटाइटिस का इलाज आसानी से उपलब्ध है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रवीण कुमार ने बताया कि हेपेटाइटिस बी की वजह से लीवर सिरोसिस का खतरा होता है अगर समय रहते इसकी पहचान हो जाए तो इलाज संभव है। लीवर सिरोसिस होने पर लीवर प्रत्यारोपण ही एकमात्र इलाज है।
उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस से बचाव के लिए लोगों को साफ भोजन व साफ पानी का प्रयोग करना चाहिए और टीकाकरण के समय डिस्पोजेबल सिरिंज का प्रयोग करना चाहिए ताकि हेपेटाइटिस रोग ना फैले। उन्होंने बताया कि छोटे बच्चों को हेपेटाइटिस बी का टीका उप स्वास्थ्य केंद्रों पर निशुल्क लगाया जाता है।