बीएमओं व स्थानीय विधायक के खिलाफ नारे बाजी कर दी। महिलाओं का गुस्सा वहीं शांत नहीं हुआ। महिलाए नारेबाजी करतें हुए बाजार के मुख्य चौक पर पहुंच गई और वहां पर फिर से नारेबाजी शुरू कर दी। महिला मंडल प्रधान राधा देवी, रुकमणी देवी, आषा देवी, निटी षर्मा व सैना देवी आदि महिलाओं ने बताया कि पीएचसी हरिपुरधार को सीएचसी का दर्जा प्रदान किए करीव दो वर्षों से अधिक का समय हो गया है मगर यहां पर सुविधाए अभी भी डिस्पेंसरी जैसी है। उन्होने बताया कि स्टाफ के नाम पर यहां दो डॉक्टर तैनात हैं। जिस में से एक डाक्टर को पिछले करीब डेढ वर्षो से भी अधिक समय से संगडाह प्रतिनियुक्ति पर है। यहां पर 24 घंटे एक मात्र डांक्टर सेवाएं दे रहा है।
जब डाक्टर अवकाश पर चला जाता है जो मरीजों को एक फार्मासिस्ट के हवाले छोड़ दिया जाता है। महिलाओं ने बताया कि डॉक्टरों की कमी के चलते क्षेत्र में बिना इलाज के अभाव में कई मरीज दम तोड़ चुके हैं। कौशल्या देवी व आषा देवी ने बताया कि इलाज के अभाव के कारण वह अपने पति को खो चुकी हैं। नीता शर्मा ने बताया कि कुछ दिनों पहले उनकी एक रिश्तेदार को जब इलाज के लिए यहा लाया गया था तो सीएचसी में ताला लटका हुआ था। मरीज को सोलन ले जाना पड़ा जिसके कारण उनके रिश्तेदार को भारी अर्थिक नुकसान उठाना पड़ा।महिलाओं ने इसके लिए सरकार के साथ ही स्थानीय विधायक को भी जमकर कोसा।
महिलाओं ने कहा कि स्थानीय विधायक की भी यह जिमेदारी बनती है कि क्षेत्र की इस गंभीर समस्या को वह सरकार के समक्ष उठाए। महिलाओं ने सरकार को 15 दिनों के भीतर डॉक्टरों के सभी पदों को भरने का अल्टीमेटम दिया है। महिलाओं ने चेतावनी दी है कि यदि 15 दिनों के भीतर डॉक्टरों के खाली पदो को नही भरा गया तो अंदोनल को और तेज कर दिया जाएगा। जरुरत पड़ी तो शिमला में सचिवालय का भी घेराव करेगी। प्रदर्शन कारियों में चंद्रकला, रीना,विद्या देवी, मुरतो देवी, इंदू शर्मा , कांता शर्मा , लक्ष्मी चौहान, श्यामा देवी, मोरतो, विटी पटयाल, मंजु राणा व कृष्णा समेत दर्जनों महिलाए शामिल थी।