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शिमला/हमीरपुर। प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती है। यह कहावत हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर की रहने वाली और शिमला लॉ यूनिवर्सिटी की छात्रा अनुजा शर्मा पर सटीक बैठती है। 22 साल की उम्र में अनुजा ने दुनिया को मानसिक तनाव से निपटने की सीख देती एक किताब की लिख दी। हेड इन द माइक्रोवेव नाम के शीर्षक की इस किताब के जरिये पढ़ाई के बोझ में दबे विद्यार्थियों को तनाव से उबरने में काफी मदद मिली है। यह किताब अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स पर भी उपलब्ध है। यही नहीं, यह किताब उसने अपने मानिसक सफर पर लिखी है जो 20वीं सदी की नामी अमरीकी कवियत्री सिल्विया प्लाथ से जुड़ी है। सिल्विया प्लाथ अपने लेखिका के तौर पर किए सफर में बेहद तनाव से गुजरीं थी, इसी को लेकर उनकी किताब है।
हमीरपुर जिला की भोरंज तहसील की खतनाल पंचायत से संबंध रखने वाली अनुजा को छठी कक्षा से लेखन के क्षेत्र से बहुत लगाव था। उनके पिता वेद कुमार लखनपाल अध्यापक हैं और माता सलींद्रा कुमारी गृहिणी हैं। पुस्तक में अनुजा के मानसिक स्वास्थ्य के सफर की कहानी है जिसकी पहली कविता का शीर्षक है, व्हेयर डू यू गो और आखिरी कविता द डॉन इज ऑन हर वे है। अनुजा ने डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल ऊना से बारहवीं कक्षा की पढ़ाई पूरी की है। उन्होंने कहा कि यह किताब उनके दादाजी लेख राज शर्मा को समर्पित है, जिन्होंने उनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अनुजा ने बताया कि यह किताब उन सभी लोगों के लिए हैं जो तनाव से निकलना चाहते हैं।