हिमाचल उच्च न्यायालय को एक बार फिर उड़ाने की धमकी मिली है। उच्च अधिकारियों को ईमेल से मिली धमकी के बाद शिमला पुलिस ने सोमवार दोपहर बाद चार घंटे तक हाईकोर्ट परिसर में सर्च ऑपरेशन चलाया। इस दौरान भवन के हर कमरे की जांच पड़ताल के साथ ही आसपास के क्षेत्र की भी गहनता से छानबीन की गई। बम निरोधक दस्ते, त्वरित प्रतिक्रिया दल, डॉक स्क्वॉड और अन्य पुलिस के जवानों ने इसमें अहम भूमिका निभाई।घंटों तक चले इस सर्च ऑपरेशन के बाद धमकी को झूठी चेतावनी घोषित किया गया है। हालांकि पुलिस इस बात की छानबीन कर रही है कि आखिरकार ईमेल के माध्यम से कहां से यह धमकी जारी की गई है। जानकारी के मुताबिक प्रदेश उच्च न्यायालय के अधिकारियों को सोमवार को ईमेल पर मानव आत्मघाती हमलावरों द्वारा इंप्रोवाइस्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) परिसर या भवन में लाए जाने की धमकी मिली। मामले की गंभीरता से को देखते हुए डीआईजी साउथ रेंज अंजुम आरा, एएसपी रतन सिंह नेगी की अगुवाई में बम निरोधक दस्ते, डॉग स्क्वायड, त्वरित प्रक्रिया दल के जवान मौके पर पहुंचे।इस दौरान चार घंटे तक प्रदेश उच्च न्यायालय के हर कमरे की गहनता से पड़ताल की गई। इस दौरान प्रवेश द्वारों और आसपास के परिसर में भी हर जगह सेनिटाइजेशन और सर्च ऑपरेशन चलाया गया। चार घंटे तक चले इस गहन तलाशी अभियान में कोई विस्फोटक सामग्री या वास्तविक खतरा नहीं मिला, और इस अलर्ट को झूठी चेतावनी घोषित किया गया।एसपी शिमला का अतिरिक्त कार्यभार देख रहे गौरव सिंह ने कहा कि स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है। उच्च न्यायालय की सामान्य कार्यप्रणाली को चरणबद्ध एवं सुरक्षित तरीके से बहाल किया जा रहा है। उन्होंने शिमला पुलिस आम जनता से अपील की कि वे शांत रहें लेकिन सतर्क बने रहें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि, वस्तु या व्यक्ति की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।