आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए निर्वाचित 68 लोगों में से 23 ऐसे चेहरे हैं, जो पहली बार विधायक बने हैं। पहली बार विधानसभा सदस्य बनने वालों में कांग्रेस के 14, भाजपा के आठ और एक निर्दलीय नेता शामिल है। वीरवार को सामने आए चुनाव परिणाम में बहुत से उतार-चढ़ाव और आश्चर्य देखने को मिले। राज्य सरकार के आठ कैबिनेट मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, निवर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और उनके कैबिनेट सहयोगी बिक्रम सिंह और सुखराम चौधरी अपनी-अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे।
भाजपा के दिग्गज नेता और प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष राजीव बिंदल चुनाव हार गए। इसके पहले बिंदल लगातार पांच बार विधायक चुने गये थे। छत्तीस निवर्तमान विधायकों को 14वीं हिमाचल प्रदेश विधानसभा में जगह नहीं मिली। इसमें से 26 विधायकों को हार का सामना करना पड़ा, जबकि 10 विधायकों ने चुनाव नहीं लड़ा। वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं और पूर्व मंत्रियों को भी हार का सामना करना पड़ा जिसमें कौल सिंह , आशा कुमारी और रामलाल ठाकुर शामिल हैं।
भाजपा के टिकट पर निर्वाचित नए चेहरों में लोकेंद्र सिंह (आनी), डॉ जनक राज (भरमौर), त्रिलोक जामवाल (बिलासपुर), डीएस ठाकुर (डलहौजी), पूरन चंद (दरंग), दीप राज (करसोग), दिलीप सिंह (सरकाघाट), रणवीर सिंह निक्का (नूरपुर) शामिल हैं।
कांग्रेस को 20 सीट का लाभ हुआ और इसकी संख्या बढ़कर 40 हो गई। इसके 14 नये चेहरों में सुरेश कुमार (भोरंज), नीरज नैयर (चंबा), सुदर्शन सिंह बबलू (चिंतपूर्णी), चंद्रशेखर (धरमपुर), चैतन्य शर्मा (गगरेट), मलेंद्र राजन (इंदौरा), दविंद्र कुमार (कुटलैहड़), भुवनेश्वर गौड़ (मनाली), रघुवीर सिंह बाली (नगरोटा), अजय सोलंकी (नाहन), केवल सिंह पठानिया (शाहपुर), हरीश जनारथा (शिमला), कुलदीप राठौड़ (ठियोग) और विनोद सुल्तानपुरी (कसौली) शामिल हैं।
इसके साथ भाजपा के बागी नेता आशीष शर्मा हमीरपुर से जीत हासिल करने में सफल रहे। भाजपा नेता जयराम ठाकुर, पूर्व कांग्रेसी मंत्री चंद्र कुमार और कांग्रेस नेता हर्षवर्धन चौहान छठी बार जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे हैं।