आवाज ए हिमाचल
13 दिसंबर।हिमाचल प्रदेश में पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। इस बार 3,577 ग्राम पंचायतों में नए प्रधान और प्रतिनिधियों का चुनाव होगा। इनमें से आधे से ज्यादा पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे। आंकड़ों के मुताबिक, करीब 1,789 पंचायतों में महिला प्रधान चुनी जाएंगी, जो ग्रामीण राजनीति में महिलाओं की सशक्त भागीदारी का संकेत है।
पिछले चुनाव (2020) में महिलाओं ने 1,808 पंचायतों की कमान संभाली थी। लेकिन इस बार पंचायतों की कुल संख्या घटने से महिला प्रधानों का आंकड़ा भी थोड़ा कम हुआ है। जयराम सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में 3,615 पंचायतें थीं, जबकि अब करीब 44 पंचायतों को नगर पंचायतों में बदलने और योल कैंट से चार नई पंचायतें बनने के बाद संख्या 3,577 रह गई है।
पंचायती राज संस्थाओं में 50% आरक्षण लागू होने से महिलाएं निर्णायक भूमिका में आ गई हैं। खास बात यह है कि यदि किसी ब्लॉक में पंचायतों की संख्या विषम रहती है तो नियमों के अनुसार एक अतिरिक्त सीट महिलाओं को मिलती है। यानी पुरुषों की तुलना में महिलाओं को प्रधान पद पर थोड़ा ज्यादा मौका मिलेगा।
प्रदेश में 91 विकास खंड हैं और दिसंबर में इन पंचायतीराज संस्थाओं का कार्यकाल पूरा होना है। संभावना है कि दिसंबर में ही चुनाव करवा लिए जाएंगे। इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं और उपायुक्तों को रोस्टर बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह का कहना है कि प्रदेश की सभी 3,577 पंचायतों में चुनाव होंगे और महिलाओं को बराबर का अवसर मिलेगा। उनके अनुसार, ओपन सीट पर भी महिलाएं चुनाव लड़ सकती हैं। ऐसे में इस बार भी महिलाओं का नेतृत्व प्रदेश की पंचायतों में और मजबूत होगा।