आवाज़ ए हिमाचल
17 अप्रैल। प्रदेश में साहसिक क्रियाकलाप संशोधन नियम-2021 लागू कर दिया है। नए नियमों के तहत साहसिक खेलों से पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ लोगों की सुरक्षा मुहैया करवाई जाएगी। राज्य पर्यटन विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। इसके तहत तकनीकी समिति का गठन पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग के निदेशक की अध्यक्षता में किया गया है।
पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन के उप निदेशक या जिला पर्यटन विकास अधिकारी इसके सदस्य सचिव होंगे। यह समिति साहसिक खेलों के पंजीकरण की प्रक्रिया के साथ नियमों व संचालन के साथ आयोजकों की निगरानी व निरीक्षण करेगी। समिति की ओर से संस्तुत ऑपरेटर, गाइड या सोसायटी प्रदेश में साहसिक खेलों को संचालित करने के लिए पात्र होंगी।नए नियमों के अनुसार साहसिक खेलों के अनुदेशकों या गाइड को दो वर्ष का अनुभव होना जरूरी है। युवाओं को प्रशिक्षण दिलाया जाएगा, जिससे वह गाइड के तौर पर रोजगार प्राप्त कर सकेंगे। प्रदेश में वही समितियां व आयोजक साहसिक खेलें आयोजित कर सकेंगे जो पंजीकृत होंगे।
ट्रैकिंग के लिए लेनी होगी वन विभाग से अनुमति
ट्रैकिंग के लिए वन विभाग से अनुमति लेनी होगी। यदि ट्रैकिंग एक दिन से अधिक के लिए होगी तो टेंट की व्यवस्था करनी होगी। ट्रैकिंग के लिए आवश्यक उपकरण की व्यवस्था करनी होगी। ट्रैकिंग करने वालों को भू-ग प्लेटफार्म पर पंजीकृत करना होगा।
इन उपकरणों की करनी होगी व्यवस्था
कम से कम 100 फुट लंबी और दस मिलीमीटर मोटी चढ़ाई में काम आने वाली रस्सी, रैपिलंग रोप, हेलमेट, सीट कवच, स्ट्रेचर, तंबू, शयन बैग, रसोई बर्तन, ऑक्सीजन सिलेंडर सहित जीवन रक्षक दवाओं सहित चिकित्सा पेटी, नब्ज ऑक्सीमीटर, बर्फ हटाने के लिए कुदाल, एक दिन से अधिक ठहराव के लिए जीपीएस आधारित व्यवस्था करनी होगी।