हिमाचल में सीमेंट की कमी से रुका सैकड़ों परियोजनाओं का काम, सरकारी गोदाम भी खाली

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आवाज़ ए हिमाचल  

शिमला।  अदाणी कंपनी की ओर से जिला बिलासपुर के बरमाणा और सोलन के दाड़लाघाट में सीमेंट प्लांट बंद करने का असर हिमाचल प्रदेश के विकास कार्यों पर पड़ने लगा है। सरकार के खाद्य आपूर्ति निगम के अधिकांश सीमेंट के गोदाम खाली हो गए हैं। इससे प्रदेश में सैकड़ों प्रोजेक्टों का काम रुक गया है। कंपनी और ट्रक ऑपरेटरों में माल भाड़े को लेकर विवाद थम नहीं रहा है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने निगम से विकास कार्यों के लिए 500 टन और पंचायती राज विभाग ने 100 टन सीमेंट मांगा है। सरकार अब अल्ट्राटेक कंपनी से सीमेंट की आपूर्ति करने की बात कह रही है। अगर विवाद नहीं सुलझा तो बाहरी राज्यों से भी सीमेंट लाना पड़ सकता है। प्रदेश में इस समय पीडब्ल्यूडी के 150 छोटे-बड़े प्रोजेक्टों का काम चल रहा है। इनमें मिनी सचिवालय, पुल, सड़कें, इंजीनियरिंग कॉलेज, स्कूल, आईटीआई, अस्पताल आदि कार्य शामिल हैं।

तकनीकी शिक्षा विभाग के 25 से ज्यादा कार्यों पर असर पड़ा है। खाद्य आपूर्ति निगम नोडल एजेंसी है। यह पीडब्ल्यूडी, पंचायती राज विभाग को सीमेंट उपलब्ध कराता है। विभाग पहले निगम में पैसा जमा कराते हैं, इसके बाद निगम अंबुजा और एसीसी सीमेंट की सप्लाई करता है। सीमेंट प्लांट बंद होने का असर निजी भवनों के निर्माण कार्य पर भी पड़ रहा है। निगम के प्रबंध निदेशक केसी चमन ने बताया कि प्लांट बंद होने से सीमेंट की मांग बढ़ी है। प्रदेश में निगम के 118 से ज्यादा सीमेंट के गोदाम हैं। कई गोदामों में सीमेंट नहीं है। उन्होंने कहा कि निगम और गोदामों का निर्माण करेगा, ताकि सीमेंट का ज्यादा भंडारण किया जा सके। प्रदेश में हर साल 75 पुलों का निर्माण होता है। इसके अलावा 1000 किलोमीटर नई सड़कें बनाई जाती हैं। अगर विवाद नहीं सुलझा तो दिक्कतें पेश आ सकती हैं।

सरकार के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के कारण बंद हुए सीमेंट उद्योग : जयराम

पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि प्रदेश सरकार के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के कारण सीमेंट प्लांट बंद हुए हैं। सरकार को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए था। शुक्रवार को ओक ओवर शिमला में पूर्व सीएम ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है। उन्होंने कहा कि पांच साल सीमेंट के दाम घटते-बढ़ते रहे, पर ऐसा कभी नहीं हुआ। जब जयराम से यह सवाल किया गया कि यह बात भी उठ रही है कि सीमेंट उद्योगों को अदाणी समूह चला रहा था। इस पर उन्होंने कहा कि अदाणी उद्योगपति हैं, भाजपा नहीं। ऐसा कहना गलत है। उनकी किसी से संबद्धता होगी, लेकिन हमें तो प्रदेश का ध्यान रखना है। सीमेंट उद्योग सूबे के हजारों लोगों को रोजगार देते हैं। लोगों के रोजगार का ध्यान रखना सरकार का दायित्व है।

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