हिमाचल में वाहनों की बढ़ती संख्या के साथ बढ़ रहा दुर्घटनाओं का ग्राफ

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आवाज़ ए हिमाचल

शिमला। प्रदेश में कारों की बढ़ती संख्या के साथ कार दुर्घटनाओं का ग्राफ भी चिंताजनक तौर से बढ़ रहा है। प्रदेश में होने वाली सडक़ दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों में सबसे अधिक संख्या भी कार सवारों या कारों से टकराने वालों की है। साल 2022 में सडक़ दुर्घटनाओं में मारे जाने वाले 979 लोगों में से लगभग 72 फीसदी की मौत कार व दोपहिया वाहन हादसे में होना निश्चित तौर पर एक बड़ा सवाल बनकर उभरा है। अपने शौक व आराम के लिए खरीदे जाने वाले वाहन लापरवाही से चलाने के कारण मौत का कारण बन रहे हैं। प्रदेश की सर्पीली सडक़ों पर कम अनुभवी चालक और यातायात नियमों का पालन न करना लोगों पर भारी पड़ रहा है। वहीं लापरवाही और नशे की हालत में वाहन चलाना हादसों का बड़ा कारण है।

 

राष्ट्रीय स्तर पर जारी सडक़ हादसों के आंकड़े बताते हैं कि 2022 में प्रदेश में कार एक्सीडेंट में मरने वालों की तादाद 473 थी, जो कि कुल संख्या का करीब 48 फीसदी है। वहीं सडक़ दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाली सूची में सरपट भागते दोपहिया वाहन चालक दूसरे नंबर पर हैं।

स्कूटर व बाइक की दुर्घटनाओं में कुल 240 यानि 25 प्रतिशत लोगों ने जान गंवाई। वर्ष 2022 में ट्रक दुर्घटनाओं में 121, बस हादसों में 41, ट्रैक्टर दुर्घटनाओं में 21 व थ्री व्हीलर में 17 लोगों को जान गंवानी पड़ी। दोपहिया वाहन चालकों की तेज रफ्तार व हेल्मेट न पहनना मौत का कारण बना। -एचडीएम

 

सालाना एक हजार से ज्यादा मौतें

2011 से 2019 तक प्रदेश में सडक़ दुर्घटनाओं में मरने वालों का आंकड़ा एक हजार से अधिक रहा है। 2020 में प्रदेश में सडक़ दुर्घटनाओं का आंकड़ा 2236 रहा था, जिसमें 866 लोगों की जान चली गई और 3197 घायल हुए। वहीं 2021 में प्रदेश में 2408 सडक़ हादसों में 1014 लोगों की जान गई और घायलों का आंकड़ा 3446 रहा। 2022 में प्रदेश में 2484 सडक़ हादसों में 979 लोगों की जान चली गई, जबकि 3891 घायल हुए। वहीं इस दौरान देश भर में सडक़ दुर्घटनाओं की संख्या 472467 रही, जिसमें 194347 लोगों की मौत हुई, जबकि 425727 घायल हुए।

 

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