हिमाचल में बनीं माइग्रेन, संक्रमण समेत 22 दवाओं के सैंपल फेल, तीन निकली नकली

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आवाज़ ए हिमाचल 

बद्दी(सोलन)। हिमाचल प्रदेश में बनीं माइग्रेन, संक्रमण, अल्सर, एसिडिटी की 22 दवाओं समेत देश की 51 दवाओं के सैंपल फेल हो गए हैं। केंद्रीय औषधी मानक नियंत्रण संगठन ने इसकी रिपोर्ट जारी की है। जुलाई में कुल 1,306 सैंपल लिए गए, जिनमें 1,252 सैंपल पास हुए हैं और 51 फेल हुए हैं। तीन दवाएं नकली निकली हैं। सोलन में बद्दी के मलकू माजरा स्थित एंज लाइफ साइंस की एनीमिया की दवा फोलिक एसिड सेप्लीमेंट, बद्दी के हरिपुर संडोली स्थित हेल्थ बायोटेक की बुखार की दवा पैरासिटामोल, नालागढ़ की एलविस हेल्थकेयर कंपनी की एसिडिटी की दवा रेबेप्राजोल, झाड़माजरी की केपटेक बायोटेक कंपनी में बना उल्टी का इंजेक्शन ऑडेस्ट्रान, बद्दी के भुड्ड स्थित डीएम फार्मा में बनी दर्द व सूजन कीदवा ट्रिप्सिन कीमो के दो सैंपल फेल हुए हैं।

इसके अलावा सिरमौर में पांवटा साहिब की कंपनी की सायनस संक्रमण की दवा अमोक्सीक्लीन एंड पोटाशियम क्लेबूलेनेट, सोलन के बड़ोग स्थित कंपनी रोजेल मेडिकेयर में बनी उल्टी की दवा ऑडोस्ट्रान, सोलन के शामती स्थित कंपनी परनैल मेडिकेयर की सायनस संक्रमण की दवा अमोक्सीक्लीन, नालागढ़ की थियोन फार्मास्युटिकल कंपनी की उच्च रक्तचाप की दवा ओल्मेसार्टन, पांवटा साहिब स्थित जी लैबोरेटरी में बनी मिर्गी की दवा सोडियम वेल्पोरेट व पेट दर्द की दवा इंट्रा कोनाजोल, कालाअंब स्थित साईटेक कंपनी की मधुमेह की दवा मेटफोरमिन के सैंपल सही नहीं पाए गए। बद्दी के गुल्लरवाला स्थित साईपर फार्मा कंपनी के छह सैंपल एक साथ फेल हुए हैं।

इनमें माइग्रेन की दवा निमोसलाइड पैरासिटामोल, विटामिन डी-3, पेट के कीड़े की एल्वेंडाजोल, अर्थराइटिस की दवा इंडोमिथोसिन, इन्फेक्शन की दवा ग्रिसोफुलविन, टाइफायड की दवा एंपिलीन टैबलेट के सैंपल फेल हुए हैं। बद्दी के मलकू माजरा स्थित एंज लाइफ साइंस की उच्च रक्तचाप की दवा टेल्मीसार्टन, बद्दी के कुंजाहल स्थित टी एंड जी मेडिकेयर की कैंसर की दवा डेक्सामेथासोन और सिरमौर में मोगीनंद स्थित एकुरा केयर कंपनी में बनी पेट के संक्रमण की दवा ओफ्लाक्सासिन एंड अर्निडाजोले के सैंपल फेल हुए। ड्रग कंट्रोलर नवनीत मरवाह ने बताया कि सैंपल फेल होने वाले उद्योगों को नोटिस जारी कर दिए हैं। विभाग ने बाजार से स्टॉक हटाने के भी निर्देश जारी कर दिए हैं। विभाग संगठन के साथ मिलकर रिस्कबेस कंपनियों के सैंपल ले रहा है, जिससे यहां पर बनने वाली दवा की गुणवत्ता सही रहे।

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