हिमाचल में पहली बार शिशुओं को लगेगा आईपीवीवी-3 का टीका, कार्ड में दर्ज होगा टीकाकरण

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आवाज़ ए हिमाचल 

कुल्लू। हिमाचल प्रदेश में पहली बार स्वास्थ्य विभाग शिशुओं को पोलियो रोधी बूस्टर डोज लगाएगा। शिशु पोलियो की चपेट में न आएं, इसके लिए राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान 2022-23 में संशोधन किया गया है। अब नौ माह के हर शिशु को इन-एक्टिव पोलियो वायरस वैक्सीन-3 (आईपीवीवी-3) की बूस्टर डोज लगेगी। भारत सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को इसके निर्देश जारी कर दिए हैं। हिमाचल में स्वास्थ्य विभाग एक जनवरी 2023 से नौ माह की आयु पूर्ण कर चुके हर शिशु को आईवीपी-3 का टीका लगाने की तैयारी कर रहा है। बता देें कि पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान में पोलियो के मामले बढ़ने लगे हैं।

ऐसे में स्वास्थ्य मंत्रालय सतर्क हो गया है, जिसके बाद आईपीवी-3 का टीका लगाने के निर्देश जारी हुए हैं। गौरतलब है कि अब नौ माह तक के शिशुओं को इन-एक्टिव पोलियो वायरस वैक्सीन के तीन टीके लगेंगे। इनमें एक पोलियो रोधी बूस्टर डोज को आईपीवी-3 के रूप में शामिल किया गया है। अभी तक शिशुओं को दो टीके ही लगाए जाते थे, अब तीन टीके लगेंगे। एक जनवरी 2023 से टीकाकृत हो रहा बच्चा, स्वस्थ भारत का सपना हो सच्चा थीम के तहत टीकाकरण अभियान शुरू किया जाएगा। इसके अलावा पांच साल तक बच्चों को पोलियो रोधी खुराक भी निरंतर अंतराल में पिलाई जाएगी। इस संबंध में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दोरजे अंगरूप ने कहा कि भारत सरकार के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग एक जनवरी से नौ माह की आयु पूरी कर चुके हर शिशु को आईपीवी-3 का टीका लगाएगा।

साल 2011 के बाद भारत में पोलियो का एक भी मामला सामने नहीं आया है, लेकिन पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान में पोलियो के मामले बढ़ने के बाद पोलियो वायरस से शिशुओं के चपेट में आने का खतरा बढ़ा है। स्वास्थ्य विभाग के सर्वे और ड्यू लिस्ट में जो शिशु एमआर-1 के लिए तय है, वह आईपीवी-3 के लिए भी पात्र रहेगा। टीकाकरण कार्ड में इसे दर्ज किया जाएगा।

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