हिमाचल में तबाही ने तोड़े रिकार्ड, दो दिन में छिनी 21 जिंदगियां

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आवाज़ ए हिमाचल 

शिमला। हिमाचल में बारिश के रेड अलर्ट के बीच मूसलाधार बारिश का दौर जारी है। मूसलाधार बारिश के कारण हुई दुर्घटनाओं ने पिछले दो दिनों में प्रदेशभर में 21 लोगों की जान ले ली है। हिमाचल में दो दिनों के अंदर बारिश ने कई रिकार्ड तोड़ दिए है। मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार ऊना जिला में 96 सालों का रिकार्ड टूट गया है। वर्ष 1927 में यहां पर सबसे ज्यादा 169.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। वहीं अब यहां पर जुलाई महीने में 224 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा सोलन जिला के कसौली में 1930 के बाद सबसे ज्यादा बारिश जुलाई महीने में हुई है। 1930 में यहां पर 172 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। वहीं इस बार 298.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। रविवार को जहां 12 लोगों की मौत हुई थी, तो वहीं सोमवार को भी दस लोगों की मानसून के कारण हुई दुघटनाओं में मौत हुई है।इनमें तीन मौतें ठियोग के पाल्लवी गांव में हुई है। यहां पर तीन नेपाली मूल के लोगों की घर पर मलबा गिरने के कारण मौत हुई है। इसके अलावा निरमंड के केदस-देवढांक सडक़ मार्ग पर ओडीधार के निकट एक कार के अचानक गहरी खाई में लुढक़ने से कार में सवार पांच लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा एक मौत बिलासपुर जिला के मलेटा में हुई है। यहां पर एक व्यक्ति नदी में बह गया था। देरशाम तक इसका शव बरामद कर लिया गया था। वहीं कुल्लू जिला के मनाली में चार लोगों नदी में बह गए हैं। इनके शव अभी तक नहीं मिले हैं। इसी तरह बद्दी में भी एक युवक के बह जाने का मामला सामने आया है। मानसून ने दो दिनों के अंदर प्रदेश में तबाही मचा दी है। जानी नुकसान के अलावा प्रदेश को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हो गया है। प्रदेशभर में सैंकड़ो सडक़ें बंद हैं। इसके कारण यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुई है। लोकनिर्माण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार पांच एनएच समेत 800 के करीब सडक़ें प्रदेशभर में बंद हैं। सडक़ों के अलावा बिजली आपूर्ति भी प्रदेश में बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इसके कारण लगभग आधा हिमाचल अंधेरे में है। प्रदेशभर में करीब चार हजार से ज्यादा बिजली के ट्रांसफार्मर बंद हैं। कुल्लू और चंबा जिला में बिजली आपूर्ति लगभग पूरी तरह से ही ठप है। इसके अलावा सोलन-सिरमौर जिला मेें भी बिजली व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित है। उधर, जिला कुल्लू के उपमंडल निरमंड की दुर्गम श्रीखंड महादेव की यात्रा को इस साल रद्द कर दिया गया है। जिला कुल्लू के विभिन्न इलाकों में हो रही भारी बारिश और यात्रा के जोखिम को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा इस पर रोक लगा दी गई है। हालांकि यह यात्रा 20 जुलाई तक आयोजित होनी थी, लेकिन श्रीखंड यात्रा में हो रहे बर्फबारी व भारी बारिश को देखते हुए अब इस यात्रा को स्थगित कर दिया गया है। ऐसे में अब श्रद्धालु श्रीखंड महादेव के दर्शन इस साल नहीं कर पाएंगे।

इस यात्रा पर जाने के लिए 4000 श्रद्धालुओं द्वारा ऑनलाइन पंजीकरण किया गया था और सात जुलाई को ही पहला जत्था श्रीखंड महादेव की ओर रवाना किया गया था। आठ जुलाई को भारी बारिश को देखते हुए जत्थे को रोक दिया गया था और भारी बारिश को देखते हुए नौ और दस जुलाई की यात्रा को स्थगित कर दिया गया था, लेकिन अब भारी बारिश को देखते हुए इस यात्रा को स्थगित कर दिया गया है। इस बारे डीसी कुल्लू की ओर से भी ऑर्डर जारी कर दिए गए हैं। एसडीएम मनमोहन सिंह ने बताया कि श्रीखंड यात्रा अब स्थगित कर दी गई हैं , क्योंकि यहां पर ग्लेशियर गिरे हुए हैं वहीं अब पूरे रास्ते में बर्फबारी भी हो रही है, जिससे यहां पर दुर्घटना होने की भी आशंका बनी हुई है। ऐसे में इस साल श्रीखंड महादेव की यात्रा को स्थगित कर दिया गया है। ऐसे में इस यात्रा के जोखिम को देखते हुए श्रद्धालुओं को अब अगले साल ही श्रीखंड महादेव के दर्शन होंगे। वहीं लगातार बारिश और बर्फबारी के कारण चंद्रताल और लोसर में रेस्क्यू अभियान प्रभावित हुआ है। प्रशासन अब मंगलवार को फिर रेस्क्यू अभियान शुरू करेगा। बाढ़ और बारिश के साथ बर्फबारी होने से चंद्रताल समेत स्पीति के लोसर में कई सैलानी फंसे हुए हैं। खराब मौसम के बीच रेस्क्यू अभियान चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एसपी लाहुल-स्पीति मयंक चौधरी खुद चंद्रताल में रेस्क्यू अभियान को लीड कर रहे हैं। उपायुक्त लाहुल-स्पीति राहुल कुमार ने बताया कि अतिरिक्त उपायुक्त काजा चंद्रताल में फंसे हुए 300 लोगों को बचाने के लिए बीआरओ, आईटीबीपी,स्थानीय लोगों और राजस्व अधिकारियों के टीम की साथ नेतृत्व कर रहे हैं और वे लोसर के करीब हैं।

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