हिमाचल में अब मर्ज होंगे सरकारी स्कूल

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आवाज ए हिमाचल

शिमला। हिमाचल में अब सरकारी स्कूलों को मर्ज किया जाएगा। यह कदम भारत सरकार के शिक्षा सचिव संजय कुमार के आइडिया पर उठाया जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार ने उच्च शिक्षा निदेशक डा. अमरजीत शर्मा को नोडल अफसर भी नियुक्त कर दिया है। पायलट आधार पर सबसे पहले एक जिला में यह प्रयोग किया जाएगा। इस कदम का मकसद सरकारी स्कूलों का कंसोलिडेशन है। हालांकि, इसी तरह की एक प्रक्रिया राज्य सरकार की योजना स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के तहत भी चल रही है, जिसमें पांच किलोमीटर के दायरे के अन्य स्कूलों से शिक्षकों की पोस्ट स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में शिफ्ट हो जाएगी। यहां से यदि टीचर को बदलना पड़े, तो यह विद पोस्ट ट्रांसफर होगी। सरकार चाहती है कि स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में ज्यादा एडमिशन हो और आसपास के स्कूलों में एनरोलमेंट को डिसकरेज किया जाए।

इसी प्रक्रिया को हिमाचल दौरे पर आए भारत सरकार के शिक्षा सचिव संजय कुमार से भी डिस्कस किया गया था। उन्होंने ही राज्य सरकार को कंसोलिडेशन ऑफ स्कूल का आइडिया दिया। केंद्रीय शिक्षा सचिव का मत था कि हिमाचल में कवरेज के हिसाब से स्कूल काफी खुल गए हैं, इसलिए अब गुणवत्ता पर ध्यान देने की जरूरत है। स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के लिए भी शिक्षकों की पोस्ट समेत ट्रांसफर करने का मामला शिक्षा विभाग वित्त विभाग से डिस्कस कर चुका है। वित्त विभाग को इस पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन चर्चा करना इसलिए जरूरी था, ताकि बाद में सैलरी निकालने में दिक्कत न हो। यह एक्सीलेंस सेंटर स्कूलों के साथ-साथ कॉलेज तक बनेंगे। इसलिए राज्य के 134 डिग्री कालेजों में भी इससे संबंधित बदलाव होंगे।

 

हिमाचल में बिना टीचर ही चल रहे 322 स्कूल

वर्तमान में हिमाचल में कुल 15,382 सरकारी स्कूल हैं। इनमें से 10550 प्राइमरी स्कूल, 1876 मिडल स्कूल और 2956 हाई या सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं। दूसरी तरफ शिक्षकों की कमी के कारण एक आंकड़ा यह भी है कि राज्य में इस वक्त 3400 स्कूल ऐसे हैं, जहां सिंगल टीचर काम चला रहे हैं। दूसरी तरफ 322 स्कूलों में एक भी टीचर नहीं है। ये सभी प्राइमरी स्कूल हैं।

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