हिमाचल में अब अनुबंध कर्मियों के नियमित होने पर ही तय होगी वरिष्ठता सूची

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आवाज ए हिमाचल 

20 फरवरी।हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों को अनुबंध सेवाकाल का वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं देने का फैसला लागू हो गया है। कार्मिक विभाग ने राजपत्र में इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी। 12 दिसंबर 2003 के बाद भर्ती अनुबंध कर्मचारियों पर इसका असर पड़ेगा। दिसंबर 2024 में विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक 2024 पारित हुआ था। जारी अधिसूचना में कार्मिक सचिव एम सुधा देवी ने स्पष्ट किया कि 20 फरवरी 2025 से यह विधेयक प्रदेश में लागू होगा।सरकार ने संशोधित विधेयक के माध्यम से कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब कर्मियों को ज्वाइनिंग की तारीख से वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं मिलेंगे। कर्मचारियों की वरिष्ठता उनके नियमित होने पर ही तय होगी। अनुबंध सेवाकाल को इसमें नहीं जोड़ा जाएगा। यह बदलाव विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए है, जिनकी वरिष्ठता को लेकर पहले अदालत से आदेश जारी किए गए थे। इस विधेयक का उद्देश्य नियमित सरकारी कर्मचारियों एवं अनुबंध आधार पर नियुक्त कर्मियों के हितों के बीच तालमेल स्थापित करना है।

2003 में शुरू हुईं अनुबंध आधार पर नियुक्तियां

हिमाचल में अनुबंध आधार पर नियुक्तियां 2003 में शुरू हुईं। इसमें नियुक्ति पत्रों में सेवा शर्तों का स्पष्ट उल्लेख किया गया। कर्मचारियों को बताया गया था कि अनुबंध के तहत उनका कार्यकाल वरिष्ठता. या नियमित कर्मचारियों को मिलने वाले अन्य लाभों के लिए नहीं गिना जाएगा। विधेयक के अनुसार अनुबंध के आधार पर नियुक्ति करने का उद्देश्य उन्हें नियमित कर्मचारियों के समान मानने का कभी नहीं था। उनकी सेवा शर्तें उनकी ओर से हस्ताक्षरित समझौतों से नियंत्रित होती हैं और इस प्रकार वे नियमित नियुक्तियों के समान सार्वजनिक सेवाओं का हिस्सा नहीं हैं।अनुबंध कर्मचारियों के लिए यह निर्णय हितों से कुठाराघात है। उन्हें अपनी सेवा अवधि को वरिष्ठता निर्धारण में जोड़ने का अधिकार नहीं मिलेगा। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह कदम सरकारी सेवा व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए उठाया है।

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