आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजूकेशन (एनसीटीई) से मान्यता प्राप्त संस्थानों से नर्सरी टीचर ट्रेनिंग करने वाले ही प्री प्राइमरी शिक्षक भर्ती में शामिल होंगे। नई दिल्ली से लौटे शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने वीरवार को सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मान्यता प्राप्त एनटीटी करवाने वाले संस्थानों की छंटनी के शिक्षा विभाग को निर्देश दिए हैं। यह ब्योरा मिलने के बाद मंत्रालय के साथ दोबारा चर्चा की जाएगी।
मंत्री ने कहा कि एक साल की नर्सरी टीचर ट्रेनिंग करने वालों को छह माह का ब्रिज कोर्स करवाया जाएगा। केंद्र सरकार ने इस बाबत सैद्धांतिक मंजूरी दी है। एनसीटीई के निर्देश हैं कि दो वर्ष की ट्रेनिंग करने वालों को ही भर्ती में शामिल किया जा सकता है। वर्ष 2014 में एनसीटीई ने यह नियम तैयार किया था। इससे पहले हिमाचल के हजारों लोगों ने बाहरी राज्यों में जाकर एक वर्ष की नर्सरी टीचर ट्रेनिंग की है। ऐसे में नई दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात कर यह मामला उठाया गया।
केंद्र से मांग की है कि वर्ष 2014 से पहले ट्रेनिंग करने वाले को भर्ती में प्राथमिकता दी जाए। इसके बाद वालों को छह माह का ब्रिज कोर्स करने की मंजूरी दी जाए। उन्होंने कहा कि प्री प्राइमरी शिक्षकों के मानदेय के लिए केंद्र सरकार से हर वर्ष मिलने वाले करोड़ों रुपये लैप्स हो रहे हैं।
भविष्य में ऐसा न हो, इसके लिए सरकार गंभीरता से इस भर्ती को शुरू करने के लिए प्रयासरत है। ब्रिज कोर्स कब और कैसे होगा, इस पर भी मंथन किया जा रहा है। कहा कि जेबीटी भर्ती मामले को लेकर चर्चा की जा रही है। बीएड डिग्री धारकों को भर्ती में शामिल करने या न करने को लेकर कानूनी पक्ष भी देखे जा रहे हैं। प्रदेश के स्कूलों में जल्द रिक्त पदों को भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत भरा जाएगा। 100 से अधिक स्कूलों के लिए वोकेशनल कोर्स जुलाई के बाद शुरू किए जाएंगे।