आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। मनाली से रोहतांग तक 1,000 से अधिक वाहन नहीं चल सकेंगे। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने हिम आंचल टैक्सी यूनियन के आवेदन को खारिज कर दिया है। यूनियन ने मनाली से रोहतांग के लिए 5,000 वाहन चलाने की अनुमति मांगी थी। वर्ष 2017 में पारित आदेशों को संशोधित करने के लिए यूनियन ने आवेदन किया था। ट्रिब्यूनल के समक्ष आवेदन के माध्यम से दलील दी गई थी कि गुलाबा, मढ़ी और रोहतांग दर्रे पर अधिक पार्किंग स्थल की उपलब्धता है। पर्यटन गतिविधियों में वृद्धि के कारण ट्रिब्यूनल की ओर से स्वीकृत किए गए वाहनों की संख्या अपर्याप्त है, जिसे अब मनाली और रोहतांग के बीच प्रतिदिन 5,000 वाहन करने की आवश्यकता है।
ट्रिब्यूनल ने यूनियन के इस आवेदन को खारिज करते हुए अपने निर्णय में कहा कि ग्लेशियर, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव के कारण वाहनों की आवाजाही को बढ़ाया नहीं जा सकता है। हवा की गुणवत्ता का बेहतर होना वाहनों के आंकड़ों को बढ़ाने के लिए कोई आधार नहीं है। ट्रिब्यूनल ने कहा कि पर्याप्त पार्किंग स्थल की उपलब्धता होना उस स्थिति को बदल नहीं सकता, जिसके लिए वाहनों की आवाजाही कम करने के आदेश दिए गए थे।
वर्ष 2010 में मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे पत्र पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था। पत्र में आरोप लगाया गया था कि रोजाना 4000-5000 वाहन मनाली से रोहतांग दर्रे की ओर चक्कर लगा रहे हैं जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। एनजीटी के गठन के बाद हाईकोर्ट ने यह मामला ट्रिब्यूनल के समक्ष भेज दिया था। ट्रिब्यूनल ने राज्य के अधिकारियों से स्थिति की रिपोर्ट मांगी और छह फरवरी 2014 को एक हजार वाहनों की आवाजाही को स्वीकृति प्रदान की थी।