आवाज़ ए हिमाचल
1 मार्च। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में अब संसद की तर्ज पर सुरक्षा व्यवस्था होगी। राज्यपाल से बदसुलूकी व रास्ता रोकने के मामले के बाद सुरक्षा में बदलाव की तैयारी है। इस संबंध में तैयार प्रस्ताव पर प्रदेश सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। सीएम व मंत्रियों की सुरक्षा की भी समीक्षा भी होगी। मंत्रियों की भीड़ में सुरक्षा बढ़ेगी और कमांडो की तैनाती संभव होगी। सूत्रों के अनुसार आला आइपीएस अधिकारी के प्रस्ताव पर प्रदेश सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। अभी तक विधानसभा के अंदर मार्शल तैनात हैं। पुलिस विधानसभा में बिना अनुमति के प्रवेश नहीं कर पाती है। ऐसे में विधानसभा सिक्योरिटी सर्विसिज की जरूरत महसूस की जा रही है।विधानसभा में एएसपी या डीएसपी रैंक के अधिकारी की अगुवाई में अलग सिक्योरिटी सर्विसिज गठित करने पर विचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री, मंत्रियों की सुरक्षा भी बढ़ सकती है। राजभवन में डीएसपी रैंक का अधिकारी बैठेगा। पीएसओ की जगह कमांडो की तैनाती होगी। अभी राज्यपाल और राजभवन की सुरक्षा के लिए साठ सुरक्षा कर्मी तैनात हैं। इनकी संख्या तो बढ़ेगी ही साथ ही पहले से अधिक पेशेवर कमांडो ड्यूटी देंगे। ये हथियारों से लैस रहेंगे।
पीएसओ की जगह ले सकते हैं कमांडो
मंत्रियों के साथ अभी दो-दो पीएसओ तैनात हैं। इनकी जगह भी कमांडो ले सकते हैं। पीएसओ ने भी कमांडो ट्रेनिंग कर रखी है, लेकिन अधिकांश मंत्रियों के साथ लंबे अरसे से तैनात है, इस कारण ये विपरीत हालत से निपटने के लिए ज्यादा समक्ष नहीं माने जा रहे। जब मंत्री जिलों के दौरे पर होते हैं तो वहां सुरक्षा गार्द लगाई जाती है। इस गार्द में भी कमांडो लगाए जाने की तैयारी है, खासकर वहां जहां जनसभाओं के दौरान हंगामे की आशंका हो।