फायर सीजन अपने अंतिम पड़ाव पर है। इस बार मौसम की मेहरबानी से अब तक का फायर सीजन पिछले साल की तुलना में राहत भरा रहा है। वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस फायर सीजन में अभी तक प्रदेश भर के जंगलों में आग लगने की 224 घटनाएं हुई हैं, जिसमें करीब 2,712 हेक्टेयर जंगल जले हैं। जबकि पिछले साल 8 जून तक पूरे प्रदेश में 1,682 आग की घटनाएं दर्ज हुई थीं, जिसमें 17,371.5 हेक्टेयर में वन संपदा राख हुई थी। आग की घटनाएं कम दर्ज होने से आम जनता सहित वन विभाग ने राहत की सांस ली। जबकि पिछले समर सीजन प्रदेश में रिकॉर्ड 2,426 घटनाएं जंगलों में आग लगने की दर्ज की गई थी।प्रदेश भर में मई और जून में बीच-बीच में बारिश होती रही। ऐसे में जंगलों में नमी बनी हुई है। यदि कहीं आग लग भी रही तो बड़े क्षेत्र में फैल नहीं पाई। ऐसा ही एक दौर कोरोनाकाल के वक्त भी आया। कोरोना के समय साल 2021-22 में मात्र 15 घटनाएं हुई थीं, लेकिन इसके बाद लगातार जंगल आग की भेंट चढ़ते गए, जिसमें करोड़ों रुपये की वन संपदा को नुकसान पहुंचा।बीते साल प्रदेश में कुल 31,838 हेक्टेयर भूमि पर जंगल जलकर खाक हो गए थे। इस समर सीजन में आग लगने की बिलासपुर वन सर्किल में 9 घटनाएं, चंबा में 10, धर्मशाला में 76, ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क कुल्लू में 2, हमीरपुर में 26, कुल्लू में 10, मंडी में 51, नाहन में 16 में रामपुर में 3, शिमला में 3, सोलन में 14 और वाइल्ड लाइफ साउथ सर्किल में 4 घटनाएं हुई हैं। बिलासपुर वन सर्किल में 223 हेक्टेयर भूमि पर वन संपदा जल कर राख हुई है। चंबा में 157 हेक्टेयर, धर्मशाला में 674, ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क कुल्लू में 22 हेक्टेयर, हमीरपुर में 214 हेक्टेयर, कुल्लू में 473, मंडी में 429, नाहन में 175, रामपुर में 56, शिमला में 38, सोलन में 211 और वाइल्ड लाइफ में 40 हेक्टेयर जंगल जले।