आवाज ए हिमाचल
04 जून। हिमाचल प्रदेश में बिजली की दरें अभी तक नहीं बढ़ी हैं । जिस पर बोर्ड ने आयोग के समक्ष पुनर्विचार याचिका दायर करने का फैसला लिया है। राज्य विद्युत नियामक आयोग के समक्ष याचिका दायर करने को लेकर बोर्ड स्तर पर मंथन शुरू हो गया है। कोरोना काल में बोर्ड को हुए घाटे को लेकर आयोग को पुनर्विचार याचिका के माध्यम से अवगत करवाया जाएगा। कोरोना काल में प्रदेश के 18 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को आयोग ने इस वर्ष बड़ी राहत देते हुए बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं की है। आयोग ने प्रदेश में वर्ष 2021-22 के लिए बिजली महंगी नहीं की है। घरेलू, व्यावसायिक और कृषि उपभोक्ताओं के लिए बीते वर्ष तय दरें ही इस वर्ष भी लागू रहेंगी।
औद्योगिक उत्पादन को गति देने के लिए आयोग ने औद्योगिक उपभोक्ताओं को रात के समय प्रयोग की जाने वाली बिजली 30 पैसे प्रति यूनिट तक भी घटा दी है। पीक ऑवर्स शुल्क में भी पचास पैसे प्रति यूनिट की कमी की गई है। इन दरों के हिसाब से आयोग ने बोर्ड को इस वित्तीय वर्ष में 6080.88 करोड़ की आय होने का अनुमान लगाया है। सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली देने के लिए इस वित्तीय वर्ष में बोर्ड को 424.74 करोड़ की सब्सिडी दी है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बजट भाषण में इसकी घोषणा की थी। इसके चलते भी आयोग ने बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं की है। बिजली बोर्ड प्रबंधन को दरें नहीं बढ़ने पर आपत्ति है। बोर्ड ने अपने खर्च पूरे नहीं होने और राजस्व घाटा बढ़ने की दुहाई देते हुए अब आयोग के समक्ष पुनर्विचार याचिका दायर करने का फैसला लिया है।