आवाज़ ए हिमाचल
05 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों के खिलाफ एक बार फिर जांच का शिकंजा कस गया है। हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने निजी विश्वविद्यालयों की जांच के लिए तीन अलग-अलग कमेटियां गठित की हैं। आयोग के पास आई शिकायत के आधार पर यह कमेटियां गठित की गई है। इसमें पहली कमेटी विश्वविद्यालय के इंफ्रास्ट्रक्चर और लैबोरेटरी की सुविधाओं को जांचेगी। इसमें देखा जाएगा कि विश्वविद्यालयों ने अपने प्रोस्पेक्टस में जो मूलभूत ढांचा दिखाया है, जो सुविधाएं देने के वायदे किए हैं क्या वास्तव में वह हैं भी या नहीं, प्रैक्टिकल के लिए लैब की क्या सुविधा है? नियमों के तहत लैब में क्या उपकरण होने चाहिए क्या वह है या नहीं। क्या यहां पर प्रशिक्षित स्टाफ है या नहीं? इन सभी तथ्यों को जांचा जाएगा।
दूसरी कमेटी शिक्षकों की योग्यता को जांचेगी। इसमें देखा जाएगा कि जो शिक्षकों की नियुक्ति यूजीसी नियमों के अनुसार हुई है या नहीं? क्या वह नियुक्ति के लिए पात्रता रखते हैं? पहले चरण में कुलपति की योग्यता को जांचा गया था, जिसमें काफी कुलपति अयोग्य पाए गए थे। तीसरी कमेटी शिक्षकों के वेतन मामले की जांच करेगी।आयोग के पास सबसे ज्यादा शिकायतें ही वेतन से संबंधित है। आरोप है कि शिक्षकों को यूजीसी नियमों के अनुसार वेतन ही नहीं दिया जाता। इस मामले में कई विवि जांच की जद में आ सकते हैं। क्योंकि कमेटी को वेतन का न केवल ब्यौरा जुटाने को कहा है बल्कि यह भी कहा है कि कैसे वेतन की अदायगी की गई है इसका भी रिकार्ड खंगाले। तीनों ही कमेटियों को बीते दिन नोटिफाई कर दिया दिया गया है। जल्द ही कमेटियां अपना काम करना शुरू कर देगी।
अभी निजी संस्थानों के प्रधानाचार्यों की चल रही है जांच
अभी आयोग निजी शिक्षण संस्थानों के प्रधानाचार्यों की जांच कर रहा है। इसमें देखा जा रहा है कि इन प्रधानाचार्यों की नियुक्तियां कैसे हुई है। इन की शैक्षणिक योग्यता के अलावा शैक्षिक अनुभव सहित अन्य सभी तथ्यों को खंगाला जा रहा है। सात अप्रैल को इस मामले की कोर्ट में सुनवाई भी होनी है।
तीन कमेटियां गठित
हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल (सेवानिवृत) अतुल कौशिक का कहना है निजी विश्वविद्यालय में जांच के लिए तीन अलग-अलग कमेटियां गठित की गई हैं। यह कमेटियां विश्वविद्यालय के मूलभूत सुविधाओं, वेतन, लैबोरेटरी की जांच करेगी। कमेटी जांच रिपोर्ट आयोग को सौंपेगी। रिपोर्ट के बाद ही इस मामले पर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।