आवाज़ ए हिमाचल
03 अप्रैल । हिमाचल प्रदेश में कुल्लू में इस बार नाशपाती की बंपर फसल की उम्मीद है। इससे बागवानों के चेहरे खिल गए हैं। सेब के बाद जिले में सबसे ज्यादा उत्पादन नाशपाती का होता है। बताया जा रहा है कि जिले में 70 फीसदी फलोें की सेटिंग बगीचों में हो गई है। कोरोना काल में नाशपाती की बेहतर फसल होने की उम्मीद से किसानों ने राहत की सांस ली है।हालांकि अभी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में फ्लावरिंग का दौर जारी है। कुछ दिनों में यहां पर भी फलों की सेटिंग होगी। बागवानी विशेषज्ञों का कहना है कि इस वर्ष फ्लावरिंग के समय मौसम अनुकूल रहने से नाशपाती की फसल अच्छी नजर आ रही है, लेकिन अभी जून महीने में ड्रॉपिंग भी होती है। गत साल की अपेक्षा इस बार 60 फीसदी फसल अधिक है। जिले के खराहल घाटी में सबसे अधिक नाशपाती का उत्पादन होता है।
इसके अलावा बंजार, सैंज, लगवैली, मणिकर्ण घाटी और ऊझी घाटी में भी रसीले फल की पैदावार हो रही है। पिछले साल नाशपाती का उत्पादन काफी कम था। बागवान अमित, चमन, बुद्धि प्रकाश, वीर सिंह, अखिल ठाकुर, नवीन, देवराज नेेगी, प्रताप पठानिया तथा कैलाश ठाकुर ने कहा कि बगीचों में फलों की सेटिंग अच्छी दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि आगे भी मौसम अनुकूल रहा तो उत्पादन बेहद अच्छा होगा। सदर फल और सब्जी उत्पादक संगठन के अध्यक्ष लाल चंद ठाकुर ने कहा कि इस साल नाशपाती की फसल बढ़िया नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि अभी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में फ्लावरिंग का क्रम जारी है। अधिकतर इलाकों में फल सेट हो गए है। बागवानी विभाग के विशेषज्ञ उत्तम पराशर ने कहा कि इस बार नाशपाती की फसल बेहतर है। विभाग हर खंड से नाशपाती फसल की रिपोर्ट मंगवा रहा है। उन्होंने कहा कुछ दिनों में रिपोर्ट आ जाएगी।