आवाज़ ए हिमाचल
22 जनवरी।महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं। इसी बात को सार्थक करते हुए हमीरपुर की 22 साल की नैंसी कतनौरिया ने नूरपुर में एंबुलेंस चालक के रूप में अपना कार्यभार संभाल लिया है। नैंसी हिमाचल पथ परिवहन निगम से प्रशिक्षित हैं और अब हिमाचल प्रदेश की प्रथम एंबुलेंस चालक के रूप में अपनी सेवा 102 एंबुलेंस नूरपुर में देंगी। जिला कांगड़ा के एंबुलेंस सेवा के प्रभारी ईशान राणा ने बताया कि हाल ही में स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेशभर में चल रहीं 108 और 102 एंबुलेंस का संचालन बिहार की मेडस्वान संस्था को सौंपा है।
संस्था ने पूर्व कर्मचारियों के साथ-साथ नई प्रतिभाओं को भी मौका दिया है। नैंसी की कड़ी मेहनत और लगन को देखते हुए उन्हें चालक पद पर ज्वाइनिंग दी है। ईशान राणा और मेडस्वान संस्था के अधिकारियों ने नैंसी को शुभकामनाएं दीं और एंबुलेंस की चाबी सौंपी। नैंसी ने दो माह तक एचआरटीसी हमीरपुर के ड्राइविंग स्कूल में बस चलाना सीखा।
एंबुलेंस चालक बनकर नैंसी ने मां जमना देवी का सपना पूरा किया है। नैंसी को बड़े वाहन चलाने का शौक था। उनके इस कार्य में परिवार ने पूरी मदद की। जिला हमीरपुर के नादौन तहसील के कश्मीर गांव की नैंसी ने बताया कि कि वह सातवीं कक्षा से ही दोपहिया वाहन चलाने लग पड़ी थी।
नैंसी ने 12वीं कक्षा जीएसएसएस कश्मीर से की है। वहीं बीकॉम की पढ़ाई नादौन कॉलेज से की है। नैंसी की इस उपलब्धि के लिए स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल रविवार को सोलन में प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करेंगे।
नैंसी ने कहा कि चालक बनने के लिए परिवार ने हमेशा ही उनका साथ दिया है। लेकिन उनके ही कई दोस्त कहते थे कि यह क्या काम कर रही है, लोग क्या सोचेंगे। नैंसी ने कहा कि जब परिवार का साथ हो तो औरों की परवाह नहीं की। एक साल पहले वह एचआरटीसी से अपना लाइसेंस ले चुकी हैं।
अब 102 एंबुलेंस चलाकर लोगों की सेवा करेंगी। नैंसी का एक छोटा भाई भी है। नैंसी की इस कामयाबी से उनकी माता जमना देवी, पिता अजीत कुमार और पूरे परिवार में खुशी की लहर है। नैंसी को कंपनी की ओर से 15 हजार रुपये वेतन दिया जाएगा। इस समय नैंसी नूरपुर में किराये के मकान में रह रही हैं।