आवाज़ ए हिमाचल
27 मार्च। हिमाचल प्रदेश कर्मचारी संघर्ष मोर्चा ने कहा कि प्रोमोशन हर कर्मी का उसकी काबलियत के आधार पर हक है परंतु शिक्षा विभाग में 2019 से इस हक को छीना जा रहा है और और प्रोमोशन में असमानता परोसी जा रही है। मोर्चा अध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने कहा कि शिक्षा विभाग ने बार बार नाम मंगवा कर प्रवक्ताओं से प्रधानाचार्यों की छह महीने के अंतराल में दो बार पद तरक्की कर दी। परंतु 2019 से आज तक टीजीटी से प्रवक्ता के लिए एक बार भी पदोन्नति नहीं हुई, जोकि एक अत्यंत दुखदाई बात है । 2019 अक्टूबर माह में टीजीटी के नाम प्रवक्ता प्रोमोशन के लिए मंगवाए गए परन्तु अभी तक यह प्रोमोशन लिस्ट नहीं निकली। भेदभाव की नीति के तहत शिक्षा विभाग में पद पदोन्नति बंद होनी चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानाचार्यों के लिए 6 महीने में दो बार पद तरक्की हो सकती है तो फिर स्नातक अध्यापकों से प्रवक्ताओं के लिए अक्टूबर 2019 से आज तक एक बार भी प्रोमोशन क्यों नही हुई, जबकि स्कूलों में प्रवक्ताओं की कमी के कारण बच्चे पढ़ाई से वंचित हैं। बच्चों को प्रिंसिपल नहीं बल्कि अध्यापक पढ़ाते हैं और उच्च शिक्षा में प्रवक्ता के बहुत से पद खाली हैं जिस कारण बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ना पढ़ रहा है। ऐसे में टीजीटी से प्रवक्ता बनने लिस्ट को जल्द जारी किया जाए।