राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने जेईई- 2024 के सिलेबस में की बड़ी कटौती; परन्तु हिमाचल शिक्षा बोर्ड अपने सिलेबस में बदलाव को तैयार नहीं: अजय नन्दा
आवाज़ ए हिमाचल
बबलू गोस्वामी, नादौन। हिमाचल प्रदेश पदोन्नत स्कूल प्रवक्ता संघ के द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड से बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए समय रहते ही 12वीं के सिलेबस के युक्तिकरण बदलाब की मांग की गई है। संघ के जिला हमीरपुर के प्रधान अजय नन्दा ने कहा कि वे शिक्षा बोर्ड से पिछले छ: माह से लगातार बच्चों के हित में सिलेबस को एनसीईआरटी एवं सीबीएसई के अनुसार करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन बोर्ड ने इसे अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है। इस लड़ाई में शिक्षा बोर्ड बच्चों के हितों को भी नजरअंदाज कर रहा है।
ज्ञात रहे कि देश के सबसे बड़े बोर्ड सीबीएसई ने सत्र 2022-23 में सिलेबस में कटौती की थी। यही कटौती 2023-24 में भी जारी रही, वहीं सत्र 2023-24 में काटा हुआ सिलेबस एनसीईआरटी ने अपनी किताबों से भी हटा दिया है, परन्तु हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड फिर भी नहीं माना और बिना किताबों के भी कटा हुआ सिलेबस पढ़ाए जाने की जिद्द पर अड़ा रहा। प्रदेश में इस वर्ष आई आपदा के कारण बच्चों की पढ़ाई की काफी क्षति भी हुई थी, जिसे एक्स्ट्रा क्लासेस लगाकर पूरा करने की कोशिश की जा रही है। अब राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने भी सत्र 2023-24 के लिए जेईई (मेन) का सिलेबस जारी कर दिया है, जिसमें उन्होंने भी ये कटा हुआ सिलेबस शामिल नहीं किया है।
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने जेईई (मेन) के सिलेबस में अकेले केमिस्ट्री में ही स्टेट्स ऑफ़ मैटर, हाइड्रोजन, एस ब्लाक, पी ब्लाक, एनवायर्नमेंटल केमिस्ट्री, सॉलिड स्टेट, सरफेस केमिस्ट्री, जनरल प्रिंसिपल्स एंड प्रोसेस ऑफ़ आइसोलेशन ऑफ़ एलिमेंट्स, पोलीमर्स एवं केमिस्ट्री इन एवरी डे लाइफ जैसे दस बड़े अध्यायों को सिलेबस से हटा दिया है। ऐसे ही फिजिक्स और मैथ्स के सिलेबस में भी बड़ी कटौती की गई है। जब पूरा देश जेईई (मेन) के अनुरूप सिलेबस पढ़ रहा होगा तो हिमाचल के विद्यार्थी इन कटे हुए अध्यायों में माथा पच्ची कर रहे होंगे, फिर हम प्रतियोगी परीक्षाओं में हिमाचल के विद्यार्थियों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कैसे कर सकते हैं। शायद यह भी उन कारणों में से है, जिससे हिमाचल शिक्षा की राष्ट्रीय रैंकिंग में दूसरे से सत्रहवें पायदान पर पहुँच गया है।
इस अवसर पर संघ द्वारा अभिभावकों से भी आह्वान किया गया है कि वे मात्र जेईई (मेन) के सिलेबस को देखकर ही अपने बच्चों को सीबीएसई से सम्बद्धता प्राप्त स्कूलों में ले जाने जैसे कदम न उठाएं। संघ ने सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करके हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड को बारहवीं के सिलेबस में आवश्यक बदलाव करने के निर्देश जारी करने की मांग की है, ताकि प्रदेश के बच्चे राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन कर सकें।