आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। जे.बी.टी. भर्ती मामले में बिना जे.बी.टी. टैट के बी.एड. धारकों को कंसीडर न करने से जुड़े मामले पर सुनवाई 6 मार्च के लिए टल गई। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई के पश्चात सभी पक्षकारों को 8 सप्ताह के भीतर उत्तर प्रति उत्तर की कार्रवाई पूरी करने के आदेश दिए। मामले के अनुसार हिमाचल प्रदेश में सरकारी स्कूलों में 617 जे.बी.टी. शिक्षकों के पदों के लिए सीधी भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। इनका परिणाम भी घोषित कर दिया गया था। पूरी परीक्षा में 617 पदों के खिलाफ 613 शिक्षक ही शैक्षणिक योग्यता पूरी करने वाले पाए गए।
1135 बी.एड. डिग्री धारकों को इन पदों के खिलाफ इसलिए कंसीडर नहीं किया गया क्योंकि इनके पास जे.बी.टी. टैट नहीं था। कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर और शिक्षा विभाग के अनुसार नियमों के तहत जे.बी.टी. पदों के लिए जे.बी.टी. टैट पास होना अनिवार्य था। प्रार्थियों का कहना है कि उन्हें जे.बी.टी. टैट में बैठने की अनुमति नहीं दी गई थी इसलिए उनके पास जे.बी.टी. टैट पास सर्टीफिकेट नहीं था। प्रार्थियों का यह भी कहना है कि हाईकोर्ट के आदेशानुसार बी.एड. धारकों को इन पदों के लिए कंसीडर नहीं किया गया क्योंकि कोर्ट ने एन.सी.टी.ई. की अधिसूचना के आधार पर बी.एड. डिग्रीधारक भी जे.बी.टी. भर्ती के लिए पात्र बनाए हैं। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि यह भर्ती हाईकोर्ट में विचाराधीन पुनर्विचार याचिका और सर्वोच्च न्यायालय में लंबित विशेष अनुमति याचिका के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगी।