आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। चिट्टा तस्करी में संलिप्त आरोपियों की संपत्तियों को भी जब्त किया जाएगा। इसके तहत पुलिस विभाग ने चिट्टा तस्करी से जुड़े बड़े मामलों को आगामी कार्रवाई के लिए प्रवर्तन निदेशालय को भेजेगा। देखा जाए तो पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में चिट्टा तस्करी के मामले बढ़ रहे हैं।
आलम ये है कि चिट्टे के साथ पकड़े जाने वाले आरोपियों को रखने के लिए सूबे की जेलें भी छोटी पड़ने लगी हैं। बीते 3 वर्षों में चिट्टे के साथ 4445 लोग गिरफ्तार किए हैं। चालू वर्ष की बात करें तो 1574 केस दर्ज किए जा चुके हैं। इसके तहत 2,136 पुरुष व 79 महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही बीते 1 जनवरी से 31 अगस्त तक पुलिस ने साढ़े 11 किलो चिट्टा पकड़ने में सफलता हासिल की है। सामने आया है कि शहरों के साथ-साथ अब चिट्टा तस्करों ने जनजातीय क्षेत्रों तक अपना जाल बिछा लिया है।
सूत्रों की मानें तो प्रदेश में चिट्टे तस्करी के तार दिल्ली से जुड़े रहे हैं। दिल्ली में सक्रिय नाइजीरियन मूल के व्यक्ति इस धंधे को बढ़ावा देने में लगे हुए हैं। इसके साथ ही अफगानिस्तान और पाकिस्तान में बैठे ड्रग डीलर भी नशे की खेप को हिमाचल पहुंचा रहे हैं। ऐसे में पुलिस विभाग ड्रोन तकनीक का भी इस्तेमाल कर रहा है। चिट्टे के कारोबार पर लगाम कसने के लिए मुख्य सचिव और उपायुक्तों की अध्यक्षता में कमेटियां बनाई गई हैं।
बता दें कि चिट्टा तस्करी का मामला विधानसभा के मानसून सत्र में भी गूंजा था। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री पहले ही कह चुके हैं कि चिट्टा एवं अन्य मादक द्रव्यों की तस्करी में संलिप्त आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके तहत उनकी संपत्तियों की भी जांच होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश पुलिस विभाग लगातार चिट्टा तस्करों को बेनकाब कर रहा है। बाहरी राज्यों से भी कई गिरफ्तारियां की गई हैं।