आवाज ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में सवा बीघा (1000 वर्ग मीटर) तक की भूमि पर टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग (टीसीपी) एक्ट लागू नहीं होगा। इसका मतलब है कि अब लोग बिना किसी अनुमति के इस क्षेत्र में भवन निर्माण कर सकेंगे। यह जानकारी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में नगर एवं ग्राम योजना मंत्री राजेश धर्माणी द्वारा प्रस्तुत संशोधन विधेयक के चर्चा के दौरान दी। इस विधेयक के पारित होने के बाद सरकार नियमों को निर्धारित करेगी और जनता की आपत्तियों एवं सुझावों पर विचार करेगी, जिससे भवन निर्माण के नियमों में आंशिक बदलाव की संभावना है।
मंत्री धर्माणी ने कहा कि यह संशोधन उच्च न्यायालय के निर्देशों और पिछले वर्ष की प्राकृतिक आपदाओं के संदर्भ में किया गया है। सरकार का उद्देश्य भूस्खलन संभावित क्षेत्रों, नदी के तटों और अन्य संवेदनशील इलाकों में मानक सुनिश्चित करना है, ताकि जन और धन की हानि को रोका जा सके। विधेयक में भवन निर्माण के मानक, जैसे उचित जल निकासी व्यवस्था और मजबूत नींव की आवश्यकता को शामिल किया गया है। 1000 वर्ग मीटर से अधिक के प्लॉट पर मानक निर्धारित किए गए हैं और बहुमंजिला भवनों के लिए नियम भी बनाये गए हैं ताकि आपदा के समय भवनों के गिरने के दौरान नुक्सान से बचा जा सके।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और अन्य विधायकों ने विधेयक को सिलैक्ट कमेटी को भेजने और आम जनता से सुझाव लेने की मांग की, जिस पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने स्पष्ट किया कि विधेयक में केवल एक शब्द का संशोधन किया गया है और अन्य नियमों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है, इसलिए इसे सिलैक्ट कमेटी को भेजने की आवश्यकता नहीं है।