आवाज़ ए हिमाचल
शिमला, 14 मार्च। हिमाचल प्रदेश की शक्तिपीठ और प्रसिद्ध मंदिर न्यास केंद्र सरकार की गोल्ड बांड स्कीम से अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं। इस मामले में बिलासपुर स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ नयना देवी अव्वल रही है। नयना देवी मंदिर न्यास ने श्रद्धालुओं की ओर से चढ़ाए 54 किलोग्राम सोने का स्कीम में निवेश किया। इसने अब तक इस पर 3 करोड़ रुपये से ज्यादा ब्याज कमा लिया है। ज्वालामुखी मंदिर न्यास ने 17 किलो सोने के निवेश से एक साल में 10 लाख 31 हजार 105 रुपये का ब्याज कमाया। बाबा बालक नाथ मंदिर ने एक वर्ष में 4 किलो सोने से 31,413 रुपये का ब्याज अर्जित किया है।
यह जानकारी आरटीआई एक्ट में अमृतसर निवासी रजनीश खोसला की ओर से सूचना मांगे जाने पर संबंधित मंदिर अधिकारियों ने दी है। खोसला ने राज्य भाषा एवं संस्कृति विभाग के जनसूचना अधिकारी से प्रदेश के मंदिरों में 21 दिसंबर 2021 तक मौजूद सोने की मात्रा की जानकारी मांगी थी। इन्हें आगे मंदिर अधिकारियों को प्रेषित किया तो उन्होंने सीधे सूचना दी। आवेदक ने गोल्ड बांड योजना में निवेशित सोने पर मिले ब्याज पर भी सूचना चाही। मंदिर न्यास नयना देवी ने सूचित किया कि स्कीम में 54 किलो 101 ग्राम 910 मिलीग्राम सोना लगाया गया। ब्रिक्स के रूप में 22 किलो 238 ग्राम 174 मिली ग्राम सोना है।
99 किलो 976 ग्राम 630 मिलीग्राम सोना सील किया हुआ है। कुल उपलब्ध सोना एक क्विंटल, 86 किलो 139 ग्राम 81 मिली ग्राम है। 76 क्विंटल 13 किलो 772 ग्राम 809 मिलीग्राम चांदी है। बाबा बालक नाथ मंदिर में 31 दिसंबर 2021 तक कुल अशुद्ध सोना 27 किलो 705 ग्राम 330 मिलीग्राम है। कुल शुद्ध सोना 23 किलो 282 ग्राम 730 मिलीग्राम है। योजना में 3 किलो 956 ग्राम 99 मिली ग्राम सोना लगाया गया है। ज्वालामुखी मंदिर में 44 किलो 518 ग्राम 239 मिलीग्राम सोना है। 7 क्विंटल 39 किलो 136 ग्राम 480 मिलीग्राम चांदी है। गोल्ड बांड में 17 किलो 92 ग्राम 280 मिलीग्राम सोने का निवेश किया गया है।
मंदिर अधिकारी चिंतपूर्णी ने सूचना दी है कि चिंतपूर्णी मंदिर में 31 दिसंबर 2021 तक दो क्विंटल दो किलो 370 ग्राम 96 मिलीग्राम सोना है। चांदी 73 क्विंटल 29 किलो 510 ग्राम 948 मिलीग्राम है। इस सोने को गोल्ड बांड स्कीम में नहीं लगाया गया है। अगर यह सोना भी इस स्कीम में डाला जाए तो मंदिर न्यास की बहुत अच्छी कमाई हो सकती है।