ठेकेदारों को भी राहत देने की तैयारी
आवाज़ ए हिमाचल
शिमला, 9 फरवरी। हिमाचल प्रदेश कैबिनेट की बैठक बुधवार सुबह मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में राज्य में वर्तमान कोरोना की स्थिति को लेकर चर्चा हुई। प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में नाइट कर्फ्यू समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में रात को भी लोग बिना किसी रोक टोक से आवाजाही कर सकेंगे। नो मास्क नो सर्विस का नियम हिमाचल प्रदेश में अभी जारी रहेगा। प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ने के बाद बीते 5 जनवरी से पूरे प्रदेश में रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक रात्रि कर्फ्यू लागू किया गया था। अब कोरोना के मामलों में कमी आने के बाद इसे हटाने का फैसला लिया गया है।
हालांकि, अभी प्रदेश में पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों की नियमित कक्षाएं लगाने पर कोई फैसला नहीं हुआ है। ग्रीष्मकालीन अवकाश वाले स्कूलों में नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों की कक्षाएं नियमित रूप से लगाई जा रही हैं। वहीं शीतकालीन स्कूलों में 14 फरवरी से इन कक्षाओं के विद्यार्थियों को बुलाया जाएगा।
बैठक में ठेकेदारों को राहत देने के लिए भी फैसला लिया है। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। जानकारी के अनुसार पेंडिंग रॉयल्टी पर 25 फीसदी जुर्माना लगाकर ठेकेदारों का लंबित भुगतान जारी किया जाएगा। अधिनियम और नियमों में संशोधन के लिए अध्यादेश लाया जा सकता है।
प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में आउटडोर इंडोर में क्षमता के 50 फीसद लोग एकत्र हो सकेंगे। वह क्षमता 1000 या 2000 भी हो सकती है। कैबिनेट बैठक के बाद ठेकेदारों ने भी हड़ताल खत्म कर दी है। अब प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक 14 फरवरी को सचिवालय में होगी।
गौर रहे कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को अचानक कैबिनेट की बैठक बुलाई थी। मंत्रिमंडल की विशेष बैठक सुबह दस बजे राज्य सचिवालय में शुरू हुई व एक घंटा से ज्यादा समय तक चली। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार रात पौने नौ बजे बैठक बुलाने की फाइल हस्ताक्षरित की थी। उसके बाद कैबिनेट ब्रांच की ओर से सभी विभागों को मेल करके एजेंडा भेजने के लिए कहा गया। ऐसे में अपने विधानसभा क्षेत्रों में बैठे मंत्रियों को सुबह शिमला पहुंचना पड़ा। बैठक में वन मंत्री राकेश पठानिया व उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर नहीं पहुंच पाए।