आवाज ए हिमाचल
सोलन। कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली 3 दवाएं सस्ती होंगी। केन्द्र सरकार ने दवा कंपनियों को इन दवाओं की कीमत कम करने के निर्देश दिए हैं। हैरानी की बात यह है कि जुलाई माह में सीमा शुल्क में छूट व माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती की अधिसूचना जारी होने के बावजूद फार्मा कंपनियों ने इन दवाओं के मूल्य को कम नहीं किया है। दवा निर्माता आम उपभोक्ताओं के स्थान पर स्वयं ही रियायत का लाभ उठाते रहे।
इसे देखते हुए राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने कार्यालय ज्ञापन जारी कर संबंधित दवा निर्माताओं को 3 कैंसर रोधी दवाएं ट्रैस्टुजुमैब, ओसिमर्टिनिब और डर्वालुमैब के लिए अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) कम करने का निर्देश दिया है। केन्द्र सरकार ने इन दवाओं पर सीमा शुल्क छूट और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को कम किया है। इन दवाओं पर जी.सी.टी. को 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया है।
इसी तरह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में 2024-25 का बजट पेश करते हुए ट्रैस्टुजुमाब, ओसिमर्टिनिब और डर्वालुमाब पर सीमा शुल्क को 10 प्रतिशत से घटाकर शून्य करने का प्रस्ताव रखा था।
सीमा शुल्क में छूट और जीएसटी कम होने के बावजूद दवा निर्माता कंपनियों ने इन दवाओं की कीमतों को कम नहीं किया था। इसका एनपीपीए ने कड़ा संज्ञान लिया है। एनपीपीए की निदेशक (कीमत) रश्मि थिलयानी ने बताया कि इन दवाओं के विनिर्माताओं को अपने एमआरपी को कम करने का निर्देश दिया है।
दवा विनिर्माताओं को वितरकों, राज्य औषधि नियंत्रकों और सरकार को इन तीनों दवाओं के मूल्य की सूची या पूरक मूल्य सूची देनी होगी, जिसमें बदली हुई कीमत का उल्लेख हो। कंपनियों को मूल्य परिवर्तन की जानकारी एनपीपीए को देनी होगी।