आवाज़ ए हिमाचल
शिमला, 9 जून। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में 60 लोगों ने शपथ पत्र भरकर अंगदान करने का प्रण लिया है। ये प्रण रिज मैदान पर चल रहे अंतरराष्ट्रीय समर फेस्टिवल के बीच स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन की ओर से अंगदान के विषय पर आयोजित चार दिवसीय जागरूकता शिविर के दौरान लिया गया।
इसमें संजौली के इंजन घर वार्ड पार्षद आरती चौहान, जिला परिषद बलदेयां रीना कुमारी सहित स्थानीय लोगों व पर्यटकों ने अंगदान करने की शपथ ली।
सोटो के नोडल अधिकारी व आईजीएमसी के सर्जरी विभाग के प्रो. डॉ. पुनीत महाजन ने बताया कि किसी व्यक्ति का जीवन बचाने के लिए डॉक्टर होना ही जरूरी नहीं है, बल्कि लोग मृत्यु के बाद भी अपने अंगदान करके जरूरतमंद का जीवन बचा सकते हैं। अंगदान करने वाला व्यक्ति ऑर्गन के जरिए 8 लोगों का जीवन बचा सकता हैं।
उन्होंने बताया कि गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों और दुर्घटनाग्रस्त मरीजों के ब्रेन डेड होने के बाद यह प्रक्रिया अपनाई जा सकती है। अस्पताल में मरीज को निगरानी में रखा जाता है और विशेष कमेटी मरीज को ब्रेन डेड घोषित करती है।
मृतक के अंग लेने के लिए पारिवारिक जनों की सहमति बेहद जरूरी रहती है। ट्रांसप्लांट ऑफ ह्यूमन एक्ट 1994 जीवित दाता एवं ब्रेन डेड डोनर को अंगदान करने की स्वीकृति प्रदान करता है। यह अधिनियम चिकित्सा प्रयोजनों के लिए अंगों को निकालने भंडारण करने और प्रत्यारोपण को नियंत्रित कर मानव अंगों को तस्करी से बचाता है। कोई भी व्यक्ति अंग को खरीद या बेच नहीं सकते हैं।