आवाज़ ए हिमाचल
08 मई। प्रदेश के कोविड-19 स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सा आक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और किसी भी स्वास्थ्य संस्थान में इसकी कोई कमी नहीं है। प्रदेश के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में आवश्यकतानुसार कोविड मरीजों को आक्सीजन उपलब्ध करवाई जा रही है। राज्य में चिकित्सा आक्सीजन की प्रतिदिन उपलब्धता 73.86 मिट्रिक टन है जबकि प्रतिदिन खपत 29.63 मिट्रिक टन है। चिकित्सा आक्सीजन के उत्पादन और खपत के आधार पर प्रदेश में चिकित्सा आक्सीजन सरप्लस है जिसकी मात्रा 44.23 मिट्रिक टन प्रतिदिन है।
गौरतलब है कि गत वर्ष राज्य में चिकित्सा आक्सीजन का उत्पादन प्रतिदिन लगभग 29 मिट्रिक टन तक था जो वर्तमान में बढ़कर 73.81 मिट्रिक टन प्रतिदिन हो गया है। राज्य के विभिन्न जिलों में चिकित्सा आक्सीजन की उपलब्धता में कांगड़ा जिला सबसे अग्रणी है और यहां 29.08 मिट्रिक टन चिकित्सा आक्सीजन प्रतिदिन उपलब्ध है। इसके अलावा जिला बिलासपुर में 0.34 मिट्रिक टन, चंबा में 1.02 मिट्रिक टन, हमीरपुर में 3.29 मिट्रिक टन, किन्नौर में 0.59 मिट्रिक टन, कुल्लू में 2.95 मिट्रिक टन, लाहौल स्पिति में 0.83 मिट्रिक टन, मंडी में 10.65 मिट्रिक टन, शिमला में 5.17 मिट्रिक टन, सिरमौर में 5.91 मिट्रिक प्रतिदिन, सोलन में 11.58 मिट्रिक टन जबकि ऊना में 2.47 मिट्रिक टन प्रतिदिन आक्सीजन उपलबध है। प्रदेश के 6 मेडिकल काॅलेजों में आक्सीजन प्लांट कार्यशील हैं जिनमें निरन्तर आक्सीजन उत्पादन हो रहा है।
इनमें आईजीएमसी शिमला, मेडिकल काॅलेज टांडा, मेडिकल काॅलेज नेरचैक, जोनल अस्पताल धर्मशाला, दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल शिमला व निजी क्षेत्र में चल रहा मेडिकल काॅलेज एमएमयू कुमारहट्टी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त मेडिकल काॅलेज हमीरपुर, चंबा और नाहन में आक्सीजन प्लांट स्थापित करने का कार्य प्रगति पर है, जिनमें आक्सीजन उत्पादन अगामी एक या दो सप्ताह में शुरू हो जाएगा। भारत सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश के लिए स्वीकृत किए गए 6 नए आक्सीजन प्लांटों को स्थापित करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इन्हें डीआरडीओ द्वारा स्थापित किया जाएगा। ये आक्सीजन प्लांट नागरिक अस्पताल पालमपुर, जोनल अस्पताल मंडी, जिला शिमला के खनेरी व रोहडू नागरिक अस्पतालों, मेडिकल काॅलेज नाहन और क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में स्थापित होंगे।
ये प्लांट अगामी एक माह में बनकर तैयार हो जाएंगे जिनके शुरू होने से प्रति प्लांट 1000 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन का उत्पादन होगा। चिकित्सा ऑक्सीजन की मांग और कमी पर नजर रखने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक निगरानी समिति गठित की गई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डाॅ. निपुण जिंदल ने कहा कि राज्य सरकार विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सा आक्सीजन की उपलब्धता व मांग की निरन्तर निगरानी कर रही है ताकि किसी भी कोविड मरीज को आवश्यकता होने पर तुरंत आक्सीजन उपलब्ध करवाई जा सके।