आवाज ए हिमाचल
21 जनवरी। आठ निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को अयोग्य करार देने के बाद अब निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने हिमाचल प्रदेश के निजी कॉलेजों में फर्जी दाखिलों की जांच शुरू कर दी है। आयोग ने कॉलेजों से बीते तीन साल के दाखिलों का रिकॉर्ड तलब किया है। तीन वर्ष पहले हुए दाखिलों का अब डिग्री आवंटन की संख्या से मिलान किया जाएगा। प्रदेश के कई निजी शिक्षण संस्थानों पर फर्जी दाखिले देने के आरोप लगते रहे हैं। शिक्षा विभाग में ढाई सौ करोड़ से अधिक राशि के छात्रवृत्ति घोटाले को भी फर्जी दाखिलों से ही अंजाम दिया गया। बीते दिनों मानव भारती विश्वविद्यालय में फर्जी डिग्रियां देने का खुलासा भी हुआ है।
इन सभी मामलों को देखते हुए निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने निजी कॉलेजों के फर्जी दाखिलों को जांचने का फैसला लिया है। आयोग के सूत्रों ने बताया कि कॉलेजों में दाखिलों के समय विद्यार्थियों द्वारा दिए गए नाम, पते, आधार नंबर सहित अन्य आवश्यक जानकारी का रिकॉर्ड मांगा है। इन जानकारियों को अब तीन साल का शैक्षणिक सत्र पूरा होने पर डिग्री देते समय दाखिलों की जानकारी से मिलाया जाएगा। कई विद्यार्थियों से आयोग संपर्क भी करेगा। अगर किसी कॉलेज में फर्जी दाखिले पाए गए तो नियमानुसार कड़ी कार्रवाई होगी।
कई कॉलेजों ने दी प्रिंसिपलों की गलत जानकारी
प्रदेश में स्थित कई निजी कॉलेजों ने आयोग को प्रिंसिपलों की नियुक्ति प्रक्रिया और शैक्षणिक योग्यता को लेकर गलत जानकारियां भी दी हैं। ऐसे मामले सामने आने के बाद आयोग ने कई कॉलेजों से प्रिंसिपलों से जुड़ी जानकारियां भी मांगी हैं। इन नई जानकारियों को पुराने रिकॉर्ड से मिलाया जाएगा। गलत जानकारी देने वाले कॉलेजों के खिलाफ आयोग कार्रवाई करेगा।