आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल में कांग्रेस की जीत ने राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के कद को बड़ा बना दिया है। प्रियंका गांधी ने हिमाचल में स्टार प्रचारक की भूमिका निभाई थी। अब जीत का श्रेय भी राष्ट्रीय स्तर पर उनके हिस्से आ रहा है। गुजरात में कांग्रेस को बड़ी हार देखनी पड़ी है, लेकिन यहां प्रियंका गांधी की खास भूमिका नहीं रही। हिमाचल की बात करें तो कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने यहां की जनता से जो आध्यात्मिक और पारिवारिक रिश्ता कायम करने की कोशिश की थी वह बेहद कामयाब रहा। प्रदेश की जनता ने कांग्रेस परिवार के साथ अपने भावनात्मक रिश्ते को न सिर्फ नई ऊर्जा प्रदान की है, बल्कि एक बार फिर से यह साबित किया है कि हिमाचल का रिवाज बरकरार है। प्रियंका गांधी ने अपनी जनसभाओं में कहा था कि वह अपनी दादी इंदिरा गांधी का सपना पूरा कर रही हैं।
उन्होंने सोलन, मंडी, कांगड़ा, ऊना और सिरमौर में पांच रैलियां की थीं। अपनी पहली ही रैली में प्रियंका गांधी ने जनता की नब्ज पकड़ी और ऐलान कर दिया कि सरकार बनते ही पहली ही कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन बहाल होगी और एक लाख सरकारी नौकरियां दी जाएंगी एवं पांच साल में कुल पांच लाख रोजगार दिए जाएंगे। महंगाई से निपटने के लिए हर महिला को 1500 रुपए महीने की आर्थिक मदद दी जाएगी। प्रियंका गांधी स्थानीय जनता की समस्याओं और हिमाचली जनता के हितों की बात पर टिकी रहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपा कह रही थी कि रिवाज बदल दीजिए और एक बार भाजपा, एक बार कांग्रेस की सरकार चुनने का फार्मूला त्यागकर फिर से भाजपा की सरकार बनाइए। वहीं, प्रियंका गांधी और कांग्रेस ने नारा दिया था, ‘हिमाचल का रिवाज जारी है, फिर से कांग्रेस आ रही है’।
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