हिमाचल के जनजातीय जिला लाहौल में वन विभाग करेगा बर्फानी तेंदुए की गणना

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आवाज़ ए हिमाचल  

कुल्लू। दुनियाभर में बर्फानी तेंदुए की मौजूदगी कम हो रही है, वहीं हिमाचल में इस दुर्लभ प्रजाति के वन्य प्राणी की संख्या बढ़ने लगी है। यह पर्यावरण व वन्य प्राणी संतुलन के लिए अच्छी खबर है। हिमाचल के राज्य जानवर बर्फानी तेंदुए की सबसे अधिक मौजूदगी लाहौल-स्पीति में पाई गई है। ऐसे में अब वन विभाग जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में बर्फानी तेंदुए की गणना करने जा रहा है। इसे पहले 2018 को नेचर कंजर्वेशन फाउंडेशन ने ट्रैप कैमरे लगाकर गणना की थी। कैमरों में ट्रैप करने के बाद 52 से 73 तक बर्फानी तेंदुए होने की पुष्टि हुई थी।बर्फानी तेंदुए पर्यावरण और वन्य प्राणी को संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। खुले में रहने वाले ये जानवर प्रकृति के संतुलन में अपनी भूमिका निभाता है। साथ ही अन्य प्रजातियों की आबादी को नियंत्रित करते हैं। बर्फानी तेंदुए की संख्या घटने से अब यह विश्व के चुनिंदा क्षेत्रों में पाया जाता है। बताया जा रहा है कि यह तेंदुआ अब 10 से 12 देशों में ही पाया जाता है और यहां भी इसकी संख्या कम हो रही है।

बहरहाल अब वन विभाग बर्फानी तेंदुए की वास स्थली कहे जाने वाले जनजातीय जिले लाहौल स्पीति में इसकी गणना करने जा रहा है। इस संदर्भ में वन विभाग सरकार को एक प्रस्ताव भेजने की तैयारी कर रहा है। वनमंडलाधिकारी लाहौल आईएफएस अनिकेत बानवे ने कहा कि वन विभाग इस साल घाटी में बर्फानी तेंदुए की गणना करेगा। इससे दुर्लभ तेंदुए की संख्या का पता लगेगा।

3,500 से 4,000 मीटर की ऊंचाई पर रहते हैं हिम तेंदुए

बर्फानी तेंदुए 3,500 से 4,000 मीटर की ऊंचाई पर रहते हैं। लेकिन, कई बार बर्फबारी के दौरान निचले क्षेत्रों में भी आ जाते हैं। इस बार सर्दी में लाहौल-स्पीति जिले में जगह-जगह बर्फानी तेंदुओं को देखा गया। स्पीति के साथ लाहौल के केलांग के आसपास एक साथ तीन व एक अन्य तेंदुए को कैमरे में कैद किया था। सूत्रों के मुताबिक लाहौल घाटी में इस साल 12 से 14 बर्फानी तेंदुए की मौजूदगी पाई गई। आंकड़ों पर गोर करें तो विश्वभर में बर्फानी तेंदुओं की संख्या 5,000 से भी कम है। जबकि, भारत में इनकी संख्या महज 300 से 500 तक है। हिमाचल में भागा, भरमौर, कुल्लू के ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क, मियाड, पिन, ताबो और हंगलंग सहित करीब दस जगहों पर हिम तेंदुए पाए जाते हैं। इनके शिकार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। वहीं, लोगों में इनके संरक्षण के प्रति जागरुकता से बर्फानी तेंदुए की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।

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