आवाज़ ए हिमाचल
27 फ़रवरी।राज्यसभा के चुनाव में हिमाचल प्रदेश की सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार को झटका लगा है। क्रॉस वोटिंग से हर्ष महाजन राज्यसभा सदस्य चुने गए हैं। कुल 68 विधायकों में से कांग्रेस को 34 और भाजपा को भी 34 विधायकों ने वोट डाला। शाम 5:00 बजे शुरू हुई मतगणना में 34-34 वोट होने के बाद यह नतीजा देर शाम तक अटका रहा। करीब 7:45 बजे पर्ची सिस्टम से भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन को विजयी घोषित किया गया। कांग्रेस के प्रत्याशी केंद्रीय नेता अभिषेक मनु सिंघवी यह चुनाव हार गए। गौर हो कि हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की यह एक सीट भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के बतौर राज्यसभा सांसद कार्यकाल पूरा होने के बाद खाली हुई थी।मंगलवार को राज्यसभा सदस्य के लिए मतदान सुबह 9:00 बजे शुरू हो गया। इसके बाद शाम 5:00 बजे मतगणना प्रारंभ हुई। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार में वर्तमान में 40 विधायक हैं,जबकि भाजपा के पास 25 विधायक हैं। 3 निर्दलीय विधायक हैं। कांग्रेस के 6 और 3 निर्दलीय विधायकों ने भाजपा के पक्ष में मतदान किया। मतदान के बाद भाजपा के पक्ष में वोट करने वाले कांग्रेस के 6 विधायक और 3 निर्दलीय विधायक सीआरपीएफ और हरियाणा पुलिस के सुरक्षा घेरे में पंचकूला पहुंचाए गए।हिमाचल प्रदेश विधानसभा परिसर में पूरे दिन गहमागहमी रही। बजट सत्र के 11वें दिन की कार्यवाही में इससे गतिरोध बना रहा। 13वें दिन गुरुवार को सरकार को वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट पारित किया जाना है।
34-34 मत होने के बाद भाजपा के विधायक कांग्रेस के चिंतपूर्णी के विधायक सुदर्शन बबलू का वोट रद्द करने की मांग कर रहे थे। भाजपा का आरोप था कि सरकार ने उन्हें होशियारपुर से लाने के लिए सरकारी हेलिकाप्टर भेजा और उसके बाद शिमला के जुब्बड़हट्टी हवाईअड्डे पर सरकारी गाड़ी से उन्हें लेने गए, जो नियमों के विपरीत है। निर्वाचन आयोग ने भाजपा से इसके सबूत मांगे, जिन्हें भाजपा नेता नहीं दे पाए। इसके बाद आयोग ने पर्ची से विजेता घोषित करने का फैसला लिया। दोनों प्रत्याशियों के नाम की पर्ची डालने के बाद कांग्रेस के प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी के नाम की पर्ची निकली। नियमों के अनुसार जिसके नाम की पर्ची नहीं निकलती है, उसे विजेता घोषित किया जाता है। इस तरह हर्ष महाजन को विजेता घोषित किया गया।कांग्रेस नेता हर्ष महाजन विधानसभा चुनाव से पहले सितंबर 2022 में ही भाजपा में आए थे। वह पहले कांग्रेस के वरिष्ठ एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह के प्रमुख सलाहकारों में एक रहे हैं। पूर्व वीरभद्र सरकार में हर्ष पशुपालन मंत्री भी रहे हैं। राज्यसभा चुनाव में हर्ष को आगे कर भाजपा ने कांग्रेस सरकार को यह बड़ा झटका दिया है।विधानसभा की कार्यवाही खत्म होने के बाद 9 विधायकों को केंद्रीय बल सीआरपीएफ और हरियाणा पुलिस की सुरक्षा दी गई। इनमें कांग्रेस के छह,जबकि तीन निर्दलीय विधायक शामिल हैं। मंगलवार को विधानसभा के बाहर पहले से ही हरियाणा नंबर की तीन गाड़ियां खड़ी थीं। विधानसभा की कार्यवाही खत्म होने के बाद जैसे ही विधायक बाहर आए। सीआरपीएफ जवानों ने इन विधायकों से बात करके गाड़ी में बैठा दिया। विधायकों की गाड़ियों से आगे और पीछे सीआरपीएफ जवानों की गाड़ियां रहीं। शाम साढ़े छह बजे तक ये विधायक पंचकूला पहुंच गए। एक विधायक ने खुद यह बात सांझा की है। उन्होंने कहा कि एक दिन तो यह होना ही था। क्राॅस वोटिंग को लेकर विधानसभा में दिनभर अफरातफरी का माहौल रहा। कांग्रेस के विधायक और मंत्री इधर-उधर नजर आए। हर किसी के जुबान पर यही चल रहा था कि आज विधानसभा में क्रॉस वोटिंग हुई है। लेकिन क्रॉस वोटिंग करने वाले का नाम किसी के जुबान पर नहीं था।