आवाज ए हिमाचल
शिमला। सिरमौर के शिलाई उपमंडल के तहत एक पंचायत में मनरेगा के तहत कागजों में ही 22 लाख का रास्ता बना दिया। मनरेगा के तहत रास्ते के निर्माण कार्य में 19 लाख के फ्रॉड का मामला सामने आया है। मामले की शिकायत शिलाई के खंड विकास अधिकारी नरेंद्र सिंह ने शिलाई पुलिस थाना में दर्ज करवाई है। खंड विकास अधिकारी ने शिलाई पुलिस थाना में दी शिकायत में दो पंचायत सचिवों, दो रोजगार सेवकों और एक बैंडर सहित पांच लोगों पर मनरेगा के तहत रास्ते के निमार्ण कार्य में लाखों के गड़बड़ झाले का आरोप लगाया है।
पुलिस ने बीडीओ की शिकायत के आधार पर दो पंचायत सचिवों सहित पांच आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। पंचायती राज विभाग ने भी मामले को लेकर विभागीय जांच बैठा दी है। खंड विकास अधिकारी ने बताया कि शिलाई उपमंडल के तहत पंचायत में रास्ते के निर्माण कार्य के लिए मनरेगा के तहत वर्ष 2020-21 में 41 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई थी। जून 2021 में रास्ते का निमार्ण कार्य शुरू किया गया, जिसमें 22 लाख रुपए की राशि जारी की गई थी। जब रास्ते की निर्माण कार्य की जांच की गई, तो मौके पर रास्ते का निर्माण नहीं हुआ था।
जांच में खुलासा हुआ है कि रास्ते के निर्माण कार्य की सामग्री के नाम पर करीब 19 लाख का फ्रॉड किया गया है। बीडीओ ने बताया कि रास्ते के निमार्ण कार्यों पर खर्च की गई अधिकतर राशि का भुगतान बिना बाउचर के किया गया है। मामले को लेकर दो पूर्व पंचायत सचिव, दो रोजगार सेवक और एक बैंडर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। रास्ते की निर्माण कार्य की जो सामग्री का बताई गई थी वो मौके पर थी ही नहीं, मात्र कागजों में ही 1300 मीटर की दूरी के रास्ते का निर्माण किया था।
आरोपियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
पंचायती राज विभाग के निदेशक राघव शर्मा का कहना है कि शिलाई उपमंडल की एक पंचायत में मनरेगा के तहत रास्ते के निर्माण के नाम पर लाखों के फ्रॉड मामले में विभागीय जांच की जा रही है। अब तक की जांच में करीब 19 लाख के फ्रॉड का खुलासा हुआ है। रास्ते के निर्माण के फ्रॉड मामले के आरोपियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।