आवाज़ ए हिमाचल
शिमला, 24 मार्च। निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग को जांच के लिए आवश्यक जानकारियां नहीं देने वाले 8 निजी नर्सिंग संस्थानों पर केस चलेगा। संस्थानों में व्याप्त गड़बड़ियों की जांच में सहयोग नहीं करने पर आयोग की ओर से इन संस्थानों को समन जारी किए जाएंगे। आयोग की अदालत में इनके खिलाफ मामला चलेगा। अभी तक की जांच में एक दर्जन से अधिक नर्सिंग संस्थानों में कई गड़बड़ियां मिली हैं। जांच को पूरा कर आगामी कार्रवाई के लिए स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
नियमों के तहत पंजीकरण न करवाने और मूलभूत सुविधाएं नहीं देने का कई संस्थानों पर आरोप है। एनओसी लेने में फर्जीवाड़ा करने की शिकायतों को लेकर प्रदेश के 48 निजी नर्सिंग संस्थानों के खिलाफ आयोग जांच कर रहा है। शिकायतों में आरोप लगाया गया है कि प्रदेश में 20 से 40 बिस्तरों के अस्पतालों और प्राइमरी हेल्थ सेंटर से जुड़े संस्थानों को भी एनओसी जारी की गई है। विद्यार्थी और मरीजों का अनुपात 1:3 नहीं है।
कई संस्थानों ने तीन से चार निजी अस्पतालों से खुद को संबद्ध बताते हुए 150 बिस्तरों की संख्या दिखाते हुए नियमों को पूरा किया है। बीते तीन माह से आयोग इन शिकायतों की जांच में जुटा है। 40 संस्थानों का रिकॉर्ड आयोग के पास पहुंच गया है। इन दिनों इसकी समीक्षा जारी है। आठ संस्थानों की ओर से आयोग को आधी अधूरी जानकारियां दी गई हैं। इन संस्थानों को कई बार नोटिस जारी कर सही सूचनाएं देने को कहा गया। अब आयोग ने इन संस्थानों को समन जारी करने का फैसला लिया है।
उधर, आयोग की जांच में खुलासा हुआ है कि कई संस्थानों में गवर्निंग बॉडी नहीं बनाई गई है। इंडियन नर्सिंग काउंसिल की ओर से भी कई मंजूरियां नहीं ली गई हैं। शिक्षकों की नियुक्ति भी काउंसिल के नियमों के अनुसार नहीं हुई है। आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने बताया कि कई संस्थानों ने जानकारी नहीं दी है। जानकारियां नहीं मिलने से प्रतीत होता है कि संस्थानों में कई गड़बड़ियां हैं। ऐसे संस्थानों के खिलाफ अब आयोग की अदालत में मामला चलाया जाएगा।