हिमाचल: अब मोबाइल एप से होगी पर्वतारोहियों की ट्रैकिंग, पर्यटन विभाग ने तैयार की एप

Spread the love

आवाज़ ए हिमाचल 

शिमला। हिमाचल में पहली बार पर्वतारोहियों की मोबाइल एप से ट्रैकिंग होगी। पर्यटन विभाग ने लगातार बढ़ रहे पर्वतारोहियों के रास्ता भटकने के कारण गायब होने के मामलों के मद्देनजर ट्रैकिंग मैनेजमेंट सिस्टम तैयार किया है। इन्हें ट्रैकिंग पर जाने से पहले एप पर पंजीकरण करवाना होगा। पंजीकरण करते ही इसकी सूचना संबंधित उपायुक्त, एसडीएम और एसएचओ तक पहुंच जाएगी। ट्रैकिंग पर गए पर्वतारोही निर्धारित समय में नहीं लौटे तो तुरंत रेस्क्यू अभियान शुरू किया जाएगा।

पर्यटन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर इसका लिंक उपलब्ध करवाया गया है। एप में हिमाचल के सभी ट्रैकिंग रूट की जानकारी दी गई है। ट्रैक में पेश आने वाली कठिनाइयों के आधार पर इन्हें रेड, ऑरेंज और ग्रीन श्रेणियों में बांटा है। साल के कौन से समय में कौन सा रूट ट्रैकिंग के लिए उपयुक्त है, ट्रैकिंग रूट का मैप, नजदीकी अस्पताल, पुलिस स्टेशन, पेट्रोल पंप, होटल और होम स्टे की नंबर सहित जानकारी एप पर उपलब्ध है।

पर्वतारोहियों के लिए प्रदेश में पहली बार ट्रैकिंग मैनेजमेंट एप तैयार की गई है। पर्वतारोहण से पहले एप पर पंजीकरण करना होगा। पंजीकरण के तुरंत बाद संबंधित अधिकारियों तक इसकी सूचना पहुंच जाएगी। निर्धारित समय में पर्वतारोही वापिस नहीं लौटे तो तुरंत उनकी तलाश शुरू कर दी जाएगी। पैराग्लाइडिंग के लिए भी एप तैयार करवाई जा रही है।- अमित कश्यप, निदेशक, पर्यटन विभाग

हर साल गायब होते हैं दर्जनों ट्रैकर

मैक्लोडगंज के नजदीक गुणा माता ट्रैक पर इसी महीने अमेरिकी नागरिक गायब हो गया था। एक हफ्ते बाद उसका शव बरामद हुआ। अक्तूबर 2021 में किन्नौर में ट्रैकिंग पर गए 17 लोग गायब हो गए थे। नवंबर 2021 में मणिकर्ण घाटी के खीर गंगा रूट पर दिल्ली का ट्रैकर गायब हो गया था। 1992 से लेकर अब तक कुल्लू घाटी में लापता हुए विदेशियों में ऑस्ट्रेलिया के चार, इस्राइल के तीन, अमेरिका के तीन, स्विट्जरलैंड के दो, नीदरलैंड के दो और आयरलैंड, इंग्लैंड, इटली, रूस, कनाडा व युगोस्लाविया का एक एक पर्यटक शामिल हैं। मनाली के फ्रेंडशिप पीक पर गया ट्रैकर गायब है, जिसकी तलाश जारी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *