रैली निकाल उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन
आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर
21 फरवरी। बिलासपुर शहर के सांडू मैदान में स्थित भारतीय संस्कृति की पहचान एवं सर्व धर्म एकता का प्रतीक खाकी शाह मजार को तोड़ने के विरोध में स्थानीय लोग एकजुट हो गए हैं। हिंदु जागरण मंच के पदाधिकारियों द्वारा इस मजार को दोबारा तोड़ने के बयान पर स्थानीय लोग अब भड़क उठे हैं और सोमवार को शहर में विरोध रैली निकालते हुए उपायुक्त पंकज राय को ज्ञापन भी सौंपा है।
सोमवार को बिलासपुर के प्रमुख समाज सेवक एवं बुद्धिजीवी वर्ग लोगों ने नगर परिषद बिलासपुर के नगर पार्षद रोहित कुमार, सोनिया, नरेश कुमारी, पूर्व पार्षद अनिल किशोर, हिंदू विशाल सभा के सदस्य अनिकेत एवं रजत कुमार की संयुक्त अगवाई में उपायुक्त बिलासपुर पंकज राय के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ज्ञापन प्रेषित किया गया। ज्ञापन में मांग की गई कि पिछले महीने बिलासपुर के प्राचीन रंगनाथ मंदिरों के साथ राजाओं के समय में स्थापित भारतीय संस्कृति की पहचान एवं सर्व धर्म एकता का प्रतीक प्राचीन खाकी शाह मजार को कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा रात के अंधेरे में तोड़ दिया गया था। लेकिन आज तक पुलिस द्वारा उन असामाजिक तत्वों को गिरफ्तार नहीं किया गया। बिलासपुर की प्रबुद्ध जनता ने उपरोक्त विषय में सदर थाना में एफआईआर दर्ज करवाई थी। उन्होंने मांग की है कि जिले का शांतिप्रिय माहौल बिगाड़ने वाले ऐसे असामाजिक तत्वों को जल्द से जल्द 7 दिनों के अंदर गिरफ्तार किया जाए।
ज्ञापन में उन्होंने अवगत करवाया कि 19 फरवरी 2022 को स्थानीय सर्किट हाउस बिलासपुर हिमाचल प्रदेश में जिला बिलासपुर का सरकारी स्कूल का कर्मचारी कमल गौतम द्वारा भारतीय संस्कृति की पहचान एवं सर्व धर्म एकता का प्रतीक खाकी शाह मजार को तोड़ने व सांप्रदायिक माहौल खराब करने हेतु वीडियो जारी करके जिला बिलासपुर में सनसनी फैला रहा हैं तथा वीडियो में यह भी स्वीकार कर रहा है कि उपरोक्त मजार हमने व हमारे लोगों ने रात के अंधेरे में तोड़ा है अब दिन के उजाले में दोबारा तोड़ेंगे। ऐसे असामाजिक तत्वों को जल्द से जल्द सांप्रदायिक माहौल एवं दंगे भड़काने व शांति भंग करने हेतु गिरफ्तार किया जाए। यह जानबूझकर ओछी राजनीति करके अपनी राजनीतिक जमीन तलाश करके अपना नाम चमकाना चाहता है ।
उन्होंने कहा कि ऐसे असामाजिक तत्व जिला, प्रदेश व देश के लिए घातक सिद्ध हो सकते हैं। अगर उपरोक्त सरकारी कर्मचारी जिला बिलासपुर का शांतिप्रिय माहौल व भाईचारा खत्म करने की कोशिश करेगा तो जिला बिलासपुर के सभी धर्मों के लोग एकजुट होकर इस असामाजिक तत्व का कड़ा विरोध करेंगे। जिसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन बिलासपुर की होगी।