आवाज ए हिमाचल
16 जून। किसी के खिलाफ विरोध जताना आतंकी गतिविधि नहीं माना जा सकता, यह कहते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत दिल्ली हिंसा मामले में गिरफ्तार नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और आसिफ इकबाल तन्हा को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अनूप जे भंभानी की पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया यूएपीए की धारा 15, 17 या 18 के तहत कोई भी अपराध तीनों के खिलाफ वर्तमान मामले में रिकार्ड की गई सामग्री के आधार पर नहीं बनता है।
अदालत ने कई तथ्यों को ध्यान में रखते हुए माना कि विरोध जताना कोई आतंकी गतिविधि नहीं है। अदालत ने कहा कि तीनों को जमानत 50000 रुपए के निजी मुचलके और दो स्थानीय जमानतदारों के अधीन दी है। इसके अलावा जमानत के तौर पर शामिल शर्तों में तीनों को अपने पासपोर्ट जमा कराने होंगे और ऐसी किसी गतिविधियों में शामिल नहीं होना होगा, जिससे मामले में बाधा आ सकती है।