आवाज ए हिमाचल
19 फरवरी।उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान और तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा है कि केंद्र सरकार लगातार हिमाचल के साथ भेदभाव कर रही है। राज्य सरकार के कई मंत्रियों ने बार-बार केंद्र सरकार के मंत्रियों से मिलकर अपनी बात रखी है, लेकिन आश्वासन के सिवा हिमाचल को कुछ नहीं मिला है। प्रेस बयान में कैबिनेट मंत्रियों ने कहा कि प्रदेश मंत्रिमंडल की पहली बैठक में प्रदेश सरकार ने राज्य के 1.36 लाख एनपीएस कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल की। इससे नाखुश भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व एवं प्रदेश के नेताओं ने कर्मचारी विरोधी विचारधारा के चलते हिमाचल प्रदेश पर कई वित्तीय प्रतिबंध लगाए।पुरानी पेंशन योजना लागू करने के बाद केंद्र ने हिमाचल को मिलने वाली ऋण सीमा में भारी कटौती की ताकि हमारी सरकार पर ओपीएस बंद करने का दबाव बना सके।
केंद्र के पास एनपीएस के तहत प्रदेश के लगभग 9 हजार करोड़ रुपये फंसे हैं, जिसे केंद्र सरकार से लौटाने का बार-बार आग्रह किया गया है। इस संबंध में कई बार प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व ने केंद्रीय नेताओं से मुलाकात कर राशि लौटाने की मांग की। इस संबंध में अभी तक केंद्र की तरफ से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एनपीएस की जमा राशि लौटाने के बजाय प्रदेश पर कर्मचारियों को दोबारा एनपीएस अथवा यूपीएस के दायरे में लाने के लिए लगातार पत्र भेज रही है।