हजारों लोगों ने नम आंखों से दी शहीद कुलभूषण को अंतिम विदाई

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 बारामूला में आंतकवादियों के साथ मुठभेड़ में लगी थी गोली

आवाज़ ए हिमाचल 

शिमला। कश्मीर के बारामूला में आंतकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए शिमला जिला के शहीद राइफलमैन कुलभूषण मांटा आज पंचतत्व में विलीन हो गए। चौपाल उपमंडल के तहत कुपवी के गांव गौठ में सैन्य सम्मान के साथ कुलभूषण अंतिम संस्कार हुआ। चचेरे भाई ने शहीद की चिता तो मुखाग्नि दी।

इस दौरान आसपास के गांवों के लोग अंतिम यात्रा में लोग शामिल हुए और कुलभूषण मांटा अमर रहे, भारत माता की जय के नारे गूंजे। हजारों लोगों ने नम आंखों से शहीद कुलभूषण को अंतिम विदाई दी। शहीद कुलभूषण मांटा की पार्थिव देह जब आधी रात को गांव में पहुंची तो चारों तरफ चीख-पुकार मच गई। शहीद कुलभूषण की माता दुर्गा देवी, पिता प्रताप सिंह पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। पत्नी नीतू तीन माह के बेटे को गोद में लिए बेसुध हो गई। कुलभूषण मांटा 2014 में सेना में भर्ती हुआ था और 26 साल की उम्र में देश के लिए शहीद हो गया।

 कश्मीर के बारामुला जिले के सुल्तानपोरा के जंगलों में सुरक्षाबलों ने आतंकवादी विरोधी ऑपरेशन शुरू किया था। इस दौरान सुल्तानपोरा के जंगलों में आतंकियों ने जवानों पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इस फायरिंग का जवानों ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया। इसी दौरान आतंकवादियों की एक गोली राइफलमैन कुलभूषण मांटा को लग गई और वह घायल हो गया। घायल कुलभूषण मांटा को तुरंत सड़क मार्ग से जीएमसी बारामूला ले जाया गया और आगे हेलीकॉप्टर द्वारा 92 बेस अस्पताल, श्रीनगर ले जाया गया। जहां जवान ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।

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