आवाज़ ए हिमाचल
23 मार्च। फर्जी डिग्री मामले में मुख्य आरोपित हरियाणा के करनाल क्षेत्र की सारिका ने पूछताछ में कई राज खोल दिए हैं। यह मानव भारती विश्वविद्यालय के मालिक और मुख्य आरोपित राजकुमार राणा की सबसे भरोसेमंद थी। सूत्रों के अनुसार फर्जी डिग्रियां रसूखदारों को भी आवंटित की गई थीं। जांच से यह भी मालूम हुआ है कि हजारों फर्जी डिग्रियों को सैकड़ों करोड़ों का लेनदेन यही महिला संभालती थी। अब सीआइडी की एसआइटी उसके बयान के आधार पर अगला कोर्स ऑफ एक्शन तय कर रही है।
सोलन से ही माधव विवि के स्टाफ को भी डिग्रियां दी गई हैं। इसके सुबूत राजस्थान से जब्त किए गए थे।जांच टीम ने सब आरोपितों से अलग- अलग और एक राउंड पूछताछ की है। इस दौरान कई तीखे सवाल पूछे। डिग्रियों के दाम पर भी सवाल पूछे गए। एक डिग्री डेढ़ लाख से तीन लाख तक बिक्री। यह पैसा कहां निवेश किया गया, इसके बार में भी गहन जांच की गई हैं।
माधव विवि से बरामद 1376 खाली डिग्री, 14 मुहरें, चार डिस्पैच रजिस्टर, 50 माइग्रेशन सर्टिफिकेट, 199 एनवेलपर, 485 खाली लेटर हेड, 319 खाली डिटेल माक्र्सशीट, दो कंप्यूटर, छह भरी हुई डिग्रियां व कई अन्य दस्तोवजों की बारीकी से जांच की गई है। इसमें नए तथ्यों का पता चला है। सीआइडी जांच अब एजेंटों पर केंद्रित हो गई है। 17 से अधिक राज्यों में सक्रिय रहे एजेंटों में से कईयों की गिरफ्तारी हो सकती है। उधर, ईडी अभी कुछ और संपत्ति अटैच कर सकती है। फिलहाल एसआइटी मुख्य आरोपित राणा की पत्नी, बेटा, बेटी को विदेश से वापस लाने के प्रयास रही है। ये आस्ट्रेलिया में हैं।