आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। प्रश्नकाल शुरू होने से ठीक पहले कांग्रेस विधायक आशा कुमारी ने प्वाइंट आफ ऑर्डर के तहत विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार से काम रोको स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा करने की मांग रखी, जिसे अध्यक्ष ने नकार दिया। समूचा विपक्ष सदन के बीचोंबीच आ गया और नारेबाजी करने लगा। करीब 10 मिनट तक नारेबाजी होती रही। इसके बाद विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया।
विधानसभा अध्यक्ष ने सदन के संचालन के लिए व्यवस्था दी। विपिन सिंह परमार ने कहा कि प्रश्नकाल होने दीजिए। उनका कहना था कि दो दिन पहले विपक्ष की ओर से सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। जिस पर दोनों ओर से सदस्यों ने चर्चा की। कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा कि नियम के तहत स्थगन प्रस्ताव कभी भी ला सकती है। कांग्रेस विधायक आशा कुमारी व अन्य विधायकों ने 12 अगस्त को सांय विधानसभा अध्यक्ष को नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया था।
अध्यक्ष के व्यवस्था देने से नाराज कांग्रेस विधायक सदन के बीचोंबीच नारेबाजी करने लगे। सदन में नारेबाजी के बीच में प्रश्नकाल शुरू हो गया। इस बीच विपक्ष ने वाकआउट कर दिया। सदन से वाकआउट करने से पहले विपक्ष ने सदन के बीचोंबीच आकर नारेबाजी की। करीब 10 मिनट नारेबाजी करने के बाद जब सदन में उन्हें अपनी बात रखने का अवसर नहीं मिला, तो समूचा विपक्ष सदन से बाहर चला गया।