आवाज ए हिमाचल
राकेश डोगरा, पालमपुर। संजय सिंह चौहान चेयरमैन हिमाचल प्रदेश सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक बतौर मुख्य अतिथि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रझूं में उपस्थित हुए। उनके साथ ब्लॉक कांग्रेस कमेटी सुलह के विभिन्न पदाधिकारी एवं स्थानीय कांग्रेस के कार्यकर्ता भी उपस्थित थे। संजय सिंह चौहान का रझूं पाठशाला के विद्यार्थियों, अभिभावकों, पंचायत सदस्यों, एस एम सी सदस्यों व अन्य पाठशाला से आए प्रधानाचार्यों ने भव्य स्वागत किया। रंगारंग कार्यक्रम के साथ ही प्रधानाचार्या संजीवन कुमारी ने पाठशाला की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की व उपलब्धियों तथा पेश आ रही समस्याओं की जानकारी भी दी।
मुख्यातिथि ने कहा कि महत्वाकांक्षी योजना राज्य परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा और कान्वे जीनियस के सहयोग से आरम्भ की गई है।
इस अवसर पर संजय सिंह चौहान ने कहा कि स्विफ्ट चैट एआई (कृत्रिम मेधा) द्वारा संचालित विद्या समीक्षा केंद्र हिमाचल प्रदेश के सभी स्कूलों को प्रौद्योगिकी और डेटा-संचालित प्रणाली से सक्षम बनाएगा।
शिक्षा में एआई प्रौद्योगिकी और सुशासन के एकीकरण के माध्यम से यह प्रणाली सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों और प्रशासकों को सही सामग्री और जानकारी से और सशक्त बनाएगी। उन्होंने कहा कि विद्या समीक्षा केंद्र सभी प्रमुख कार्यक्रमों की प्रभावी निगरानी में मदद करेगा।
संजय सिंह चौहान ने आगे कहा कि विद्या समीक्षा केंद्र, स्विफ्ट चैट पर संवादात्मक एआई चैटबाट की विविध श्रृंखला डिजिटल मित्र की तरह काम करेगी, जो विद्यार्थियों का मार्गदर्शन, शिक्षकों की सहायता और प्रशासकों के लिए मूल्यवान डेटा उपलब्ध करवाएगी।
यह जिलों, खंडों और स्कूलों के लिए डैशबोर्ड और रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। इससे विद्यार्थियों की प्रगति, शिक्षक प्रशिक्षण और समग्र स्कूल प्रदर्शन से सम्बंधित डेटा उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि वास्तविक समय में प्रतिक्रिया और सुधारात्मक सुझाव के आधार पर शिक्षक शिक्षण सम्बंधी रणनीतियों में बदलाव कर सकेंगे, जिससे प्रत्येक विद्यार्थी को सीखने के अवसर प्राप्त होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए शिक्षा क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का समावेश कर सुधार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए स्कूल खोले, लेकिन सुविधाएं और आधारभूत ढांचा सृजित नहीं किया, जिससे गुणात्मक शिक्षा के स्तर में गिरावट आई। इसी के दृष्टिगत राज्य सरकार ने 900 स्कूल बंद कर दिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने के लिए इस क्षेत्र में व्यवस्था परिवर्तन की आवश्यकता है।
संजय सिंह चौहान ने कहा कि अगले शैक्षणिक सत्र से कई गुणात्मक सुधार किए जाएंगे, जिसके लिए अभिभावकों, शिक्षकों और विद्यार्थियों का सहयोग आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए विद्यार्थियों को तैयार करना शिक्षकों की पहली जिम्मेदारी है। राज्य सरकार का लक्ष्य ऐसी शिक्षा प्रणाली विकसित करना है, जहां सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी गौरवान्वित महसूस करें।
राज्य सरकार ने तकनीकी शिक्षण संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा लर्निंग इत्यादि सूचना प्रौद्योगिकी आधारित पाठ्यक्रम शुरू किए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने केवल 11 माह के कार्यकाल में कांग्रेस पार्टी के प्रतिज्ञा पत्र के वादे के अनुरूप अंग्रेजी माध्यम स्कूल शुरू करने की अपनी तीसरी गारंटी पूरी कर ली है।
पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने और 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना को शुरू करने के साथ अगले शैक्षणिक सत्र से पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम के स्कूल आरम्भ किये जायेंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए राजीव गांधी राजकीय डे-बोर्डिंग स्कूल खोल रही है और निर्माणाधीन अटल आदर्श विद्यालयों के लिए धन भी उपलब्ध करवा रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को एक्सपोजर विजिट के लिए विदेश भी भेजा जाएगा।
इस अवसर पर संजय सिंह चौहान ने कहा कि विद्या समीक्षा केंद्र शिक्षण प्रणाली को मजबूत करने के साथ-साथ राज्य के प्रत्येक विद्यार्थी के उज्जवल भविष्य की परिकल्पना को भी साकार करेगा।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में शिक्षा क्षेत्र में राज्य उत्कृष्ट प्रदर्शन करेगा और विद्या समीक्षा केंद्र इस दिशा में मील पत्थर साबित होगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए इस क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का समावेश करने के निर्देश दिये हैं। राज्य सरकार ने 6000 शिक्षकों के पद भरने को भी स्वीकृति प्रदान की है और बैचवाइज भर्ती की प्रक्रिया भी जारी है।
कान्वे जीनियस ग्रुप के अध्यक्ष शशांक पांडे ने कहा कि हिमाचल विद्या समीक्षा केंद्र शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव की दृष्टि से संवादी एआई को एकीकृत करता है। इसका उद्देश्य एडटेक को तेज, स्मार्ट और सरल बनाना है ताकि दुर्गम क्षेत्रों तक गुणात्मक शिक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने आगे कहा माननीय मुख्यमंत्री शिक्षा के चौमुख विकास पर अपना पूर्ण ध्यान केंद्रित किए हुए हैं तथा खेल कूद के कार्यक्रमों को भी उतनी एहमियत देनी पड़ेगी जितनी पढ़ाई को दी जाती है।