स्फूर्ति में 70 से अधिक कारीगरों ने सीखे उद्यमी बनने के गुर

Spread the love

आवाज ए हिमाचल

अभिषेक मिश्रा,शिमला

19 जून।हिमाचल में पारम्परिक उद्योगों के पुनरुत्थान और कारीगरों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार “पारंपरिक उद्योगों के पुनरुत्थान के लिए निधि योजना (SFURTI)” के अंतर्गत कार्यशालाओं का आयोजन कर रही है। इसी कड़ी में, 19 जून 2025 को शिमला के शोघी में SFURTI योजना पर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर आर्थिक अन्वेषक उद्योग विभाग शिमला प्रमोद शर्मा ने विशेष तौर पर शिरकत की और स्फूर्ति योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि परम्परागत उद्योगों से जुड़े छोटे कारीगरों कि आर्थिकी में सुधार किया जाये और लघु उद्योगों का विकास किया जायेगा।प्रमोद ने बताया कि हिमाचल प्रदेश उद्योग विभाग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) और NABCON के साथ मिलकर, राज्य के सभी 12 जिलों में इन कार्यशालाओं का आयोजन करेगा।इससे राज्य के ग्रामीण एवं पारंपरिक कार्यबल के लिए कौशल विकास एवं उद्यमिता के क्षेत्र को विकास मिलेगा।कार्यशाला में शिमला ज़िला के पारम्परिक उद्योगों से जुड़े 70 से अधिक स्थानीय कारीगरों समेत स्वयं सहायता समूह, पंचायत प्रधान, उपप्रधानों ने भाग लिया। कार्यशाला में आये कारीगरों ने इस दौरान अपने अनुभव भी साझा किये।उन्होंने कहा कि स्फूर्ति जैसी योजना उनके काम में काफ़ी लाभकारी साबित होगी और आज की कार्यशाला में उन्हें पता चला कि सरकार कि ओर से किस तरह से कारीगरों को आर्थिक सहायता और प्रशिक्षण कि व्यवस्था कि जा रही है.उन्होंने कहा कि स्फूर्ति जैसी योजना उनके काम में काफ़ी लाभकारी साबित होगी और आज की कार्यशाला में उन्हें पता चला कि सरकार की ओर से किस तरह से कारीगरों को आर्थिक सहायता और प्रशिक्षण कि व्यवस्था कि जा रही है।
स्फूर्ति योजना का लक्ष्य पारंपरिक उद्योगों एवं कारीगरों को समूहों (क्लस्टर) में संगठित करना, उन्हें उन्नत उपकरण, लक्षित प्रशिक्षण तथा बेहतर विपणन सुविधाएँ प्रदान करना है, ताकि उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता सुदृढ़ हो सके और सतत आजीविका सुनिश्चित की जा सके।यह योजना न केवल कारीगरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाती है, बल्कि उन्हें व्यापक बाजारों से भी जोड़ती हैराज्य भर में आयोजित की जा रही इन कार्यशालाओं के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि दूरस्थ एवं ग्रामीण क्षेत्रों के कारीगर भी इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकें। प्रतिभागियों को व्यवसाय नियोजन, प्रभावी विपणन रणनीतियाँ, विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने की प्रक्रिया, आधुनिक तकनीकों, उत्पाद विविधीकरण, गुणवत्ता सुधार तथा समग्र उद्यमिता सहायता के विषय में प्रशिक्षित किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *