स्पीति से लेह तक डबललेन को मंजूरी; 125 किलोमीटर मार्ग को हरी झंडी, सीमाओं तक आसानी से पहुंचेगी सेना

Spread the love

आवाज ए हिमाचल 

केलांग। चीन अधिकृत तिब्बत सीमा से सटे इलाकों की मजबूत किलेबंदी के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। हिमाचल के स्पीति घाटी होकर लद्दाख के लिए एक सामरिक सडक़ निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने अपनी सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की है। इस सडक़ के बन जाने से हिंदुस्तान तिब्बत सडक़ होकर भरतीय सेना साल भर लद्दाख की सीमाओं तक आसानी से पहुंच सकेगी। लाहुल-स्पीति जिला की स्पीति घाटी लेह से सीधे डबललेन मार्ग से जुड़ जाएगा।

इस सामरिक मार्ग के निर्माण के लिए सीमा सडक़ संगठन (बीआरओ) पिछले लंबे समय से काम कर रहा है। बीआरओ ने ग्राउंड लेवल पर सर्वेक्षण पूरा कर इसकी डीपीआर मंजूरी के लिए रक्षा मंत्रालय को भेजी है। इस मार्ग की खास बात यह है कि यह ज्यादातर मैदानी और सामान्य पहाड़ी क्षेत्रों से होकर गुजरेगा। भारी बर्फबारी के बावजूद यह मार्ग साल भर खुला रहेगा।

सेना, पर्यटकों और आम लोगों को मात्र एक 12 हजार फुट ऊंचा तगलिंग-ला दर्रा ही पार करना पड़ेगा। बीआरओ करीब 125 किलोमीटर नई सडक़ का निर्माण कर इसे लद्दाख के कोरजोक स्थित त्सो मोरीरी झील तक निकालेगा। कोरजोक से लेह तक लगभग 211 किलोमीटर सडक़ का डबललेन का काम भी चला हुआ है। स्पीति के क्याटो से बनने वाली यह सडक़ लदाख के उपशी में मनाली लेह हाई-वे से जुड़ेगी।

खास बात यह है कि इस सडक़ मार्ग पर महज तगलिंग.ला दर्रा पड़ता है जबकि मौजूदा मनाली लेह मार्ग पर बारालाचा, तंगलंगला समेत करीब आधा दर्जन दर्रे पार करने पड़ते हैं। क्याटो से कोरजोक तक प्रस्तावित मार्ग के बीच कोई ग्लेशियर नहीं है। भारी बर्फबारी की सूरत में यह मार्ग साल में केवल दो महीने तक बंद रहेगा। मनाली-लेह रूट होकर रोहतांगए सर्दी के सीजन में 20 फीट बर्फ होने से मनाली-लेह मार्ग साल में छह से सात माह तक यातायात के लिए बंद रहता है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *