सरकार को 500 करोड़ तक आय का अनुमान
आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने आय के साधन जुटाने के लिए कबाड़ से टैक्स वसूलने की तैयारी कर ली है। 75 हज़ार करोड़ के कर्ज़ में डूबी हिमाचल सरकार ने अपनी खस्ता माली हालत को उतरी पर लाने के लिए एक नई तरकीब निकाली है। कबाड़ की दलाली से मोटा मुनाफा कमाने वाले लोगों पर शिकंजा कसने के लिए सुक्खू सरकार जल्द स्क्रैप पॉलिसी भी लाने जा रही है। प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में सुक्खू सरकार बिल पेश करेगी। हिमाचल में कबाड़ का करोड़ों रुपए का कारोबार है। खासकर हिमाचल के औद्योगिक क्षेत्रों में फैक्ट्रियों से हर दिन भारी मात्रा में लोहा, प्लास्टिक और गत्तों का कबाड़ निकलता है। इस कबाड़ को बेचने के लिए फैक्ट्रियों पर पॉलिटिकल प्रेशर काफी रहता है।
कबाड़ पर अभी तक किसी तरह का टैक्स नहीं वसूला जा रहा है। लिहाजा कबाड़ बेचने वालों को भारी मुनाफा हो रहा है। ऐसे में सरकार कबाड़ का कारोबार करने वाले लोगों पर शिकंजा कसते हुए इसे टैक्स के दायरे में लाने की तैयारी कर चुकी है। उद्योग विभाग टैक्स लगाने के लिए बिल तैयार कर रहा है।
एक अनुमान के अनुसार, कबाड़ पर टैक्स वसूली से सरकार को सालाना 500 से लेकर 1000 करोड़ रुपए तक की आय होने का अनुमान है। इस पर अभी वर्कआउट किया जा रहा है। विधानसभा में चर्चा के बाद सामने आएगा कि सरकार कबाड़ से कितना टैक्स वसूलेगी। इस पॉलिसी के लागू होने से जहां सरकार का राजस्व बढ़ेगा, वहीं कबाड़ की आड़ में हो रही दलाली पर भी रोक लगेगी।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि हिमाचल के औद्योगिक क्षेत्रों में कबाड़ का करोड़ों रुपए का कारोबार है। आय के साधन जुटाने के लिए सरकार ने फैसला लिया है कि कबाड़ को भी टैक्स के दायरे में लाया जाए और इसके लिए सरकार स्क्रैप पर टैक्स वसूली के लिए विधानसभा में बिल लेकर आ रही है।